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आने वाले बजट से सिलाई मशीन इंडस्ट्री को हैं महत्वपूर्ण अपेक्षाएं

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इंडस्ट्रियल हब लुधियाना के नामी उद्यमियों ने आगामी बजट को लेकर दीं अपनी प्रतिक्रियाएं

लुधियाना 18 जनवरी। अब साल 2025 के लिए देश का केंद्रीय बजट पेश होने का काउंट-डाउन शुरु हो चुका है। जाहिर तौर पर इस बार भी बजट देश की अर्थव्यवस्था और आम जनता के लिए नई उम्मीदें और संभावनाएं लेकर आएगा। देशभर की निगाहें इस महत्वपूर्ण घोषणा पर टिकी हुई हैं, जो आगामी वित्तीय वर्ष के लिए विकास की दिशा तय करेगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आने वाले महीने में इस महत्वपूर्ण दस्तावेज को संसद में प्रस्तुत कर सकती है। यहां उल्लेखनीय कि पिछले कई साल से केंद्रीय बजट हर साल एक फरवरी को संसद में पेश किया जाता है। ऐसे में उद्यमियों की इस बजट से बड़ी अपेक्षाएं हैं। इंडस्ट्रियल-हब लुधियाना में सिलाई-मशीन ट्रेड फिलहाल संघर्ष के दौर से गुजर रहा है। यहां अरसे से बनने वाली ‘काली सिलाई मशीन’ का मुकाबला चीन से बनकर आ रही एडवांस टैक्निकल वाली मशीन से है। इस मामले में ‘यूटर्न टाइम’य टीम ने आगामी बजट को लेकर सिलाई मशीन ट्रेड से जुड़े इंडस्ट्रियल सिटी लुधियाना के नामी उद्यमियों से चर्चा की।

क्लस्टर स्कीम को लागू करे सरकार : सोखी

स्विइंग मशान डेवलपमेंट क्लर्सटर्स एसोसिएशन के प्रेसिडेंट जगबीर सिंह सोखी मानते हैं कि हमारी ब्लैक यानि टेलर मशीन सिर्फ इसलिए बची है, क्योंकि वो कीमत में सस्ती है। जिसे खासकर छोटे शहरों-कस्बों व गांवों में टेलर या घरेलू महिलाएं इस्तेमाल करती हैं। जबकि बड़ी फैक्ट्रियों और बड़े शहरों में चीन से बनकर आ रही एडवांस तकनीक वाली मशीनें इस्तेमाल हो रही है। चीन ने दुनिया भर में 74 फीसदी बाजार पर कब्जा कर लिया है। चीनी कंपनियां भारत में रोड शो कर इंस्टॉलमेंट पर अपनी मशीनें बेच रही हैं।  सोखी सुझाव देते हैं कि 22 साल पहले बनाई क्लस्टर पॉलिसी को भारत सरकार इस बजट में लागू करने का करे, तभी इस ट्रेड को बचाया जा सकता है।

सिलाई मशीन इंडस्ट्री को बचाए सरकार : रिंकू पायलट

कैलाश स्विइंग कंपनी के संचालक जतिंदर नागपाल रिंकू पायलट ने दोटूक कहा कि सरकार को सिलाई मशीन इंडस्ट्री को बचाने का प्रयास करना चाहिए। अगर इस इंडस्ट्री को अपग्रेड नहीं किया गया तो यह पांच से दस साल के दौरान बंदी के कगार पर पहुंच जाएगी। लोकल सिलाई मशीन का कारोबार महज 25 फीसदी लोकल टेलर्स और हाउस वाइफ के भरोसे बचा है। नामी सिलाई कंपनी सीआर औलख के संचालक सुनील औलख ने भी कमोबेश यही चिंता जताई। उन्होंने कहा कि सिलाई मशीन कारोबारी रिंकू पायलट और अन्य कारोबारियों से इन प्रमुख मुद्दों पर ही चर्चा हुई।

सरकार रिसर्च सेंटर खोले : सपरा

रॉलसन सिलाई मशीन कंपनी के शामलाल सपरा का सुझाव है कि चीन की एडवांस मशीनों से मुकाबले के लिए सरकारी मदद की खास जरुरत है। भारत में सिलाई मशीन को एडवांस बनाने के लिए एक रिसर्च सेंटर की जरुरत है। बाकी जापान और जर्मनी जैसे मुल्कों की एडवांस तकनीक से अलग चुनौती मिलने का खतरा बना है।

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