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राष्ट्रीय लोक अदालत में 4 लाख मामलों का सेटेलमेंट, अदालतों का चक्कर लगा रहे लोगों को राहत

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हरियाना/यूटर्न/15 सितंबर: हरियाणा में शनिवार को आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत के दौरान वैवाहिक विवादों और मोटर दुर्घटना दावों सहित करीब चार लाख मामलों का निपटारा किया गया। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) के तत्वावधान में हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने तीसरी राष्ट्रीय लोक अदालत आयोजित की। एक आधिकारिक बयान के अनुसार, जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों के माध्यम से हरियाणा के सभी 22 जिलों और 34 उप-मंडलों में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया, जिसमें मुकदमे से पहले और लंबित अदालती मामलों के लिए 167 पीठों का गठन किया गया। इस दौरान 4.50 लाख से अधिक मामलों को आपसी सहमति से निपटान के लिए लोक अदालत पीठों को भेजा गया।
करनाल में एक वैवाहिक जोड़े ने की सुलह
करनाल में राष्ट्रीय लोक अदालत में तलाक की कगार पर खड़े एक वैवाहिक जोड़े ने सुलह कर ली। एक दशक से ज्यादा समय से शादीशुदा होने के बावजूद पति ने तलाक की अर्जी दाखिल की थी। लोक अदालत में दोनों पक्षों को समझाया गया कि उनके तलाक से बच्चों पर क्या प्रभाव पड़ेगा। मामला एक तीखे विवाद से शुरू हुआ और बाद में एक अप्रत्याशित मोड ले लिया। पहले तो पति तलाक के फैसले पर अडिग दिखाई दिया लेकिन पुनर्विचार कर अपनी तलाक की अर्जी वापस ले ली। जिससे ये स्पष्ट होता है कि लोक अदालतें न तेवल कानूनी विवादों को सुलझाती है बल्कि व्यक्तिगत मतभेदों को भी भरती है परिवारों में सद्भाव भी बहाल करती है।
22 जिलों में 167 पीठों का हुआ था गठन
प्रदेश के 22 जिलों और 34 उप-विभागों में लगी तीसरी राष्ट्रीय लोक अदालत में सुने गए मामलों में से यह भी एक मामला था। सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति व नालसा के कार्यकारी अध्यक्ष संजीव खन्ना और पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के मुखय न्यायाधीश शील नागू के नेतृत्व में लोक अदालत का आयोजन किया गया था। इसमें 167 पीठों का गठन किया गया. जो दीवानी और मोटर दुर्घटना दावों, वैवाहिक मुद्दों, बैंक वसूली, ट्रैफिक चालान और चेक बाउंस के विवादों को संभालती है।
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