छात्रों के साथ धरने पर बैठे कई राजनेता, खोला मोर्चा केंद्र सरकार के खिलाफ, तिवाड़ी मिले उप राष्ट्रपति से
चंडीगढ़ 7 नवंबर। यहां पंजाब यूनिवर्सिटी की सुप्रीम बॉडी सीनेट का कार्यकाल पूरा हो चुका है। इसके बावजूद अब तक नई सीनेट या गवर्निंग बॉडी को लेकर उप राष्ट्रपति एवं पीयू चांसलर जगदीप धनखड़ के कार्यालय से कोई आधिकारिक निर्देश जारी नहीं किया गया।
जानकारी के मुताबिक इस मुद्दे को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। वीरवार को पीयू के समर्थन में कांग्रेस, अकाली दल और बीजेपी के नेताओं ने छात्रों के साथ मिलकर धरना दिया। केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। सभी ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए विरोध जताया। इस दौरान कांग्रेस की ओर से पूर्व विधायक प्रताप सिंह, बीजेपी के प्रगति सिंह और अकाली दल से बलविंदर सिंह व डॉ. दलजीत सिंह चीमा मौजूद थे।
इन नेताओं ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि बीजेपी जानबूझकर सीनेट के गठन में देरी कर रही है, जो नियमों के विरुद्ध है। दूसरी ओर पीयू प्रबंधन ने बताया कि चांसलर कार्यालय ने सीनेट चुनावों की प्रक्रिया पर जानकारी मांगी है। चर्चा यह भी है कि इस बार सीनेट के स्थान पर ‘बोर्ड ऑफ गवर्नेंस’ नामक नई सुप्रीम बॉडी का गठन किया जा सकता है। जिसमें सीनेट के विपरीत नामांकन द्वारा सदस्यों का चयन होगा। इस प्रकार, पीयू का संचालन नए ढांचे के तहत हो सकता है।
यहां काबिलेजिक्र है कि पीयू की सीनेट का यह कार्यकाल वर्ष 1882 के बाद खत्म हुआ है। कोरोना महामारी के कारण 2020 में सीनेट चुनाव भी नहीं हो सके थे। जिसके चलते पीयू बिना सीनेट और सिंडिकेट के चलती रही। इस समय सीनेट का मामला कोर्ट में लंबित है और नवंबर के अंत में सुनवाई होनी है। यदि कोर्ट सीनेट की एक्सटेंशन या चुनावों पर कोई आदेश देता है तो मौजूदा सीनेट को एक वर्ष का कार्यकाल विस्तार मिल सकता है या नए चुनाव होंगे।
दूसरी ओर पीयू के कैंपस में इस मुद्दे को लेकर आक्रोश बढ़ता जा रहा है। विभिन्न छात्र संगठनों और शिक्षकों ने मांग की है कि नई सीनेट का गठन तुरंत किया जाए। ताकि पीयू की स्वायत्तता बरकरार रह सके। बता दें कि इसी मुद्दे पर चंडीगढ़ के सांसद मनाीष तिवारी ने उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से मुलाकात भी की है।
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