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सेफ स्कूल वाहन नीति को लेकर एसडीएम ने की स्कूल प्रबंधन के साथ बैठक 

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सेफ स्कूल वाहन नीति को लागू करवाने के लिए मीटिंग नहीं, जमीनी स्तर पर करना होगा काम

चरणजीत सिंह चन्न

जगराओं,  14 अगस्त :-स्कूल बसों से होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिए स्थानीय एसडीएम गुरबीर सिंह कोहली ने अपने कार्यालय में जगराओं के सभी स्कूलों के प्रिंसिपलों और प्रबंधकों की एक बैठक बुलाई। बैठक में स्कूल प्रिंसिपल व प्रबंधकों को सुरक्षित स्कूल वाहन नीति के निर्देशों का पालन करने को कहा गया। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों में जगराओं में स्कूल बसों के साथ दो हादसे हो चुके हैं, जिसके लिए स्कूल प्रबंधन को जागरूक होना होगा ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों। उन्होंने कहा कि सुरक्षित स्कूल वाहन नीति के निर्देशों के अनुसार फर्स्ट एड किट, फायर सेफ्टी किट, सेफ्टी ग्रिल, स्पीड कंट्रोलर, स्टाफ की वर्दी पहनी हो, जीपीएस, सीसीटीवी कैमरे, बस में स्टाफ सहायकों (पुरुष एवं महिला) तथा अन्य आवश्यक सुविधाएं स्थापित करें। इसके अलावा बस स्टाफ का नाम, बस मालिक का नाम, घर का पूरा पता स्कूल के पास होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि स्कूल प्रबंधन को ड्राइवरों और अन्य सहायक कर्मचारियों को प्रशिक्षण सुनिश्चित करना चाहिए और यदि उनका कोई कर्मचारी नशा आदि करता है तो उन्हें स्कूल बस चलाने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। एसडीएम ने सब डिवीजन जगराओं के अंतर्गत आने वाले स्कूलों को विद्यार्थियों की सुरक्षा को लेकर सुरक्षित स्कूल वाहन पॉलिसी के तहत बसों में आई खामियों को 15 दिनों के भीतर दूर करने के भी निर्देश दिए। यदि भविष्य में छात्रों की सुरक्षा को लेकर कोई खामी पाई गई तो उनसे कानून के मुताबिक निपटा जाएगा और भारी जुर्माना लगाया जाएगा।

 

इस मौके पर डीएसपी पुलिस स्टेशन सिटी श्री जैसजोत सिंह और डीएसपी पुलिस (ट्रैफिक) श्री मंजीत सिंह ने स्कूल प्रबंधन से कहा कि वे बस ड्राइवर का फीडबैक लेकर उसे स्कूल बस में भर्ती करें, उसका डोप टेस्ट करवाया जाए। सभी चालकों और स्कूल बसों को निर्देशानुसार ही सड़क पर उतारा जाए। उन्होंने कहा कि बस की क्षमता के अनुसार ही बच्चों को बैठाया जाए और बस में सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं।

 

यहां यह भी उल्लेखनीय है कि मई 2023 में सेक्रेड हार्ट कॉन्वेंट स्कूल की बस दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी जिसमें कई छात्र गंभीर रूप से घायल हो गए थे, उसके बाद भी एसडीएम गुरवीर सिंह कोहली ने वाहन नीति लागू करने के लिए कई बार स्कूल प्रबंधकों को समय दिया था, इसका स्कूल प्रबंधन पर कितना प्रभाव पड़ा होगा और जा फिर एसडीएम साहब नीति को लागू करने के लिए कानून के मुताबिक कितनी शक्ति का उपयोग किया होगा इसका अंदाजा हम इस बात से लगा सकते हैं कि सन्मति स्कूल स्कूल वैन हादसे में एक मासूम छात्र की जान चली गई है। यदि ऐसी घटनाओं से विद्यार्थियों को सुरक्षित करना है तो जमीनी स्तर पर काम करना होगा ना कि इसका निवारण मीटिंगों से होगा।

 

इस संबंध में जब एसडीएम गुरवीर सिंह कोहली से उनका पक्ष जानने के लिए फोन किया गया तो उन्होंने फोन उठाना उचित नहीं समझा।

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