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फर्नेस इंडस्ट्री में बोग्स बिलिंग के जरिए हो रहा करोड़ों का घोटाला, मंडी गोबिंदगढ़-लुधियाना की कई फर्नेस इंडस्ट्री अवैध तरीके से स्क्रैप व बिल लेकर कर रही घोटाला

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लुधियाना 10 जनवरी। केंद्र व पंजाब सरकार द्वारा बेशक जीएसटी का नियम लाकर बोग्स बिलिंग रोकने के प्रयास किए गए हैं। लेकिन चर्चा है कि फर्नेस इंडस्ट्री में अभी भी धड़ल्ले से अवैध तरीके से स्क्रैप व बोग्स बिलिंग करके सरकारी खजाने को हर महीने कई सो करोड़ का नुकसान पहुंचाया जा रहा है। यह हम नहीं कह रहे, बल्कि जीएसटी विभाग द्वारा पिछले दिनों बोग्स बिलिंग को लेकर की कई रेड के दौरान यह खुलासा हुआ है। चर्चा है कि लुधियाना और मंडी गोबिंदगढ़ की कई फर्नेस इंडस्ट्रियों द्वारा स्क्रैप और बोग्स बिलिंग दो तरीकों से जीएसटी चोरी कर सरकार के आंखों में धुल डाली जा रही है। जबकि जीएसटी विभाग को इसका पता ही नहीं चल पा रहा। चर्चा है कि ज्यादातर बोग्स बिलिंग व अवैध तरीके से कार्य मंडी गोबिंदगढ़ की फर्मों द्वारा किए जा रहे है। इसी तरीके से हर महीने करीब 500 करोड़ रुपए की ठगी होने की चर्चाएं हैं। यहां तक कि कई फर्नेस मिल मालिकों द्वारा तो सरकार से बेनीफिट लेने के लिए अपनी पुरानी इंडस्ट्री की मशीनरी इस्तेमाल करके नए यूनिट दिखाए जा रहे हैं। एक तरफ जो स्टेट जीएसटी विभाग की टीमें इन पर नकेल कसने का प्रयास कर रही है, दूसरी तरफ फर्नेस कारोबारी बचाव और कमाई के नए नए तरीके अपनाने में लगे हुए हैं।

दो नंबर में स्क्रैप लेकर दो नंबर में ही बेच देते हैं माल
चर्चा है कि कई फर्नेस कारोबारियों द्वारा दो नंबर में स्क्रैप ली जाती है। वह स्क्रैप उन्हें 3 से 4 प्रतिशत टैक्स अदा करके मिल जाती है। जिसके बाद कारोबारी अपनी मिलों में माल तैयार करके है और उसे आगे दो नंबर में ही सेल कर देते हैं। वह माल को 12 प्रतिशत टैक्स के साथ सेल करते हैं। यानि कि अवैध तरीके से स्क्रैप लेकर अवैध तरीके से माल तैयार करके कच्चे में ही बेच दिया जाता है। वहीं अगर लीगल तरीके से माल बेचना हो तो 18 प्रतिशत जीएसटी अदा करना पड़ेगा। इस तरह करके मिल मालिक 6 से 7 प्रतिशत जीएसटी बचा लेते हैं।

जाली बिल पर लिया जाता है माल
कारोबारी बादिश जिंदल ने बताया कि कई फर्नेस मिलों द्वारा इललीगल तरीके से माल लेकर उसका बोग्स बिल बना लिया जाता है। जिसके बाद उसे आगे 18 प्रतिशत पर बेच दिया जाता है। इसी तरह ठगी करके कई करोड़ रुपए टैक्स चोरी करके फर्नेस मालिक अपनी फर्म बंद कर देते हैं। जब तक यह टैक्स चोरी विभाग के ध्यान में आती है, तब तक फर्नेस मालिक फरार हो गए होते हैं। पिछले तीन सालों में इसी तरह कई फर्में ठगी करके भाग चुकी हैं।

पंजाब समेत कई स्टेटों से आ रही स्क्रैप
चर्चा है कि फर्नेस मिल मालिकों द्वारा पंजाब में अलग अलग स्थानों से स्क्रैप मंगवाई जाती है। यहीं नहीं उनकी और से दूसरी स्टेटों से भी लिंक रखे हुए हैं। वहां से भी भारी संख्या में इललीगल तरीके से स्क्रैप मंडी गोबिंदगढ़ व लुधियाना पहुंच रही है। लेकिन हैरानी की बात तो यह है कि किसी भी विभाग द्वारा अवैध तरीके से आ रहे कच्चे माल की रास्ते में चैकिंग नहीं की जा रही।

ट्रांसपोर्टरों के साथ भी है हिस्सेदारी
चर्चा है कि उक्त फर्नेस मिल मालिकों की ट्रांसपोर्टरों के साथ भी हिस्सेदारी होती है। मिल मालिकों द्वारा ट्रांसपोर्टरों के साथ मिलीभगत कर दूसरी स्टेटों से इललीगल माल मंगवाया जाता है। जिसकी एवज में उन्हें 2 से 3 प्रतिशत हिस्सा भी दिया जाता है। इसी के चलते ट्रांसपोर्टर अपनी जिम्मेदारी से बिना किसी दस्तावेजों के अवैध माल लेकर आते हैं।

टीएमटी सरिए में सबसे ज्यादा हो रहा टैक्स चोरी
चर्चा है कि कंस्ट्रक्शन में इस्तेमाल होने वाले टीएमटी सरिए में सबसे ज्यादा टैक्स चोरी हो रहा है। उसमें 80 प्रतिशत तक बिना बिल के माल बेचा जाता है। इसी के साथ लोहे की चादर व कंस्ट्रक्शन की बाकी चीजों पर 70 प्रतिशत तक माल बिना बिल के बेचकर टैक्स चोरी किया जा रहा है।

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