लुधियाना, 5 मई : श्री जैन श्वेताबंर तेरापंथ धर्म संघ के 10वें आचार्य महाप्रज्ञ जी एक जीवित किंवदंती व्यक्ति ही नहीं बल्कि एक उद्देश्य है ,एक विश्वास भी है। वह धारणा है जो समय या क्षेत्र से बंधी नहीं हो सकती। वे अनंत ज्ञान का खजाना था।
ये शब्द मनीषी संत मुनि श्री विनय कुमार जी आलोक ने आचार्य श्री महाप्रज्ञ के १५वें महाप्रयाण दिवस पर इकबाल गंज रोड़ स्थित तेरापंथ भवन मे एकत्रित श्रावक श्राविकाओं को संबोधित करते हुए कहे।
मुनि अभय कुमार जी ने अपनी श्रद्धा गीत के माध्यम से प्रकट की।
कार्यक्रम में तेरापंथ महिला मंडल अध्यक्ष इंदू सेठिया, मंत्री श्रद्धा दुगड, पंजाब ज्ञानशाला की आंचलिक संयोजिका व उपासिका विनोद देवी सुराणा, पंजाब महासभा प्रभारी कुलदीप जैन सुराणा, उपासक श्रेणी के राष्टरीय संयोजक सूर्यप्रकाश सामसुखा , कमल जैन नवलखा ,तेरापंथ युवक परिषद के अध्यक्ष विनीत जैन,मंत्री प्रतीक जैन , तरुण जैन सुराणा आदि ने अपने विचारो की अभिव्यक्ति दी।
कार्यक्रम लगभग ३ घंटे चला, कार्यक्रम का कुशल संयोजन धीरज जैन सेठिया ने किया,
मनीषीसंत ने अंत मे फरमाया आचार्यश्री महाप्रज्ञ उस समर्पित आत्मा का नाम है, जिनकी आत्मा में सदा आचार्य तुलसी ही तरंगित रहे हैं। उनके ही प्रतिबिम्ब को हम आचार्य श्री महाप्रज्ञ कहते है।
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भजन गायक कन्हैया मित्तल ने लिया आर्शीवाद
प्रख्यात भजन गायक कन्हैया मित्तल महानगर के एक कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे। जब उन्हें पता चला कि मुनि श्री विनय कुमार जी आलोक विशेष रुप तेरापंथ भवन में विराज रहे है तो वे तुरंत मुनि श्री का आर्शावाद लेने पहुंचे। जहां तेरापंथ युवक परिषद ने उनका भव्य स्वागत किया। इस दौरान कन्हैया मित्तल ने अपनी मधुर वाणी से एक भजन की प्रस्तुति दी।