लुधियाना 5 दिसंबर : संत अश्वनी बेदी जी ने श्रीराम शरणम् , श्रीराम पार्क , सिविल लाइंस मेंसाप्ताहिक सत्संग में कहा कि विचारवान मनुष्य को चाहिए कि अपने चित को चिंताओ से चंचल ना करें।वह अपने कर्तव्य कर्मो का तो अवश्य पालन करे परन्तु ॥*भविष्य के व्यर्थ भय अपने मन में ना खड़े करता रहे।* संत बेदी जी ने कहा कि जो मनुष्य श्री भगवान के भरोसे पर निर्भरहोकर अपने काम काज करते है और फलाफल उसी पर छोड़ देते है ऐसे भक्त की पालना परम पिता परमात्मा आप किया करता है।
भगवान श्री कृष्ण चंद्र जी महाराज का ” गीता ” के नौवें अध्याय में उपदेश है कि ”जो अनन्य भाव युक्तजन मुझको चिंतन करते हुए मुझे आराधते है ;
उन सदा मुझमें रहने वाले उपासको का योगक्षेम मैं चलाता हूँ।”
संत बेदी जी ने कहा कि जो अपने मन को भक्ति भाव शुभ भावना से भरपूर करके राम नाम जपते है उनके शरीर का निर्वाह स्वयं श्री भगवान करते है। जो कुछ उनके पास है उसकी रक्षा भी श्री भगवान ही करते है।
संत बेदी जी ने कहा कि श्री महाराज का उपदेश है कि जो प्रभु को स्मरण करते है वे किसी के भी मोहताज नही होते ,वे तो किसी का भी सहारा नही ढूढ़ते।क्यों कि वे तो सबके बादशाह है। संत बेदी जी ने कहा कि प्रभु का सिमरन करने से सारे कारज पूर्ण हो जाते है। राम राम जपते रहने से मनुष्य कभी भी गम , फिकर -चिंता के वशीभूत नही होता।
‘अमृतवाणी ‘ग्रंथ में उपदेश है:-
“राम राम जपे चिंता चूरक,चिंता मणि चित्त चिंतन पूरक।”
संत अश्वनी बेदी जी ने कहा कि राम नाम का जाप गम -फिकर -चिंता को चूर करने वाला है।प्रत्येक अभिलाषा को पूर्ण करने वाला है और चित को ध्यान से भर देने वाला है। जो भगवान जगत के सब जीवों को खाने के लिए अन्न देता है , पीने के लिए जल देता है और जीने के लिए प्राण बख्शता है वही मेरा दाता राम मेरे लिए सब सुखो का विधान करता है।इन भावनाओ के साथ चिंता का त्याग करके खूब राम नाम जपो और अपने काम काज करो। सभा में राज मित्तल , रामेश्वर गुप्ता , राज गुप्ता , शशि भल्ला , मंजू गुप्ता , शशि गुप्ता , वरिंदर जैन , किरण खरबंदा , स्वीट धवन , मधु बजाज , संजीव धवन , रश्मि गर्ग , शुचिता दुग्गल , शुभम , गुलाब राय सहित अनेक भक्त सम्मिलित हुए ।