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शिअद के थिंक टैंक महिंदर सिंह रोमाणा नहीं रहे, 3 प्रदेशों की बाउंड्री निर्धारण में रहा अहम रोल

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पंजाब 16 सितंबर। शिरोमणि अकाली दल के थिंक टैंक एडवोकेट महिंदर सिंह रोमाणा का निधन हो गया। 91 वर्ष की उम्र में उन्होंने रविवार को अंतिम सांस ली। सिक्ख धर्म की पंथक राजनीतिक और पंजाब की सियासत में खास मुकाम रखने वाले रोमाणा पूर्व मुख्यमंत्री सुरजीत सिंह बरनाला व पूर्व मुख्यमंत्री बादल दोनों के बेहद करीबी रहे है। वह तख्त श्री पटना साहिब के प्रधान रहने के अलावा पंजाब टूरिज्म डेवलपमेंट कारपोरेशन के चेयरमैन, दो बार एसजीपीसी के सदस्य, पूर्व मुख्यमंत्री बरनाला के राजनीतिक सलाहकार के अलावा कई विभागों के चेयरमैन रहने के अलावा स्व. रोमाणा पंजाब, हरियाणा व हिमाचल प्रदेश की सीमा निर्धारण के लिए ज्ञानी करतार सिंह के नेतृत्व में गठित हुई कमेटी के प्रमुख सदस्य भी रहे है। कुछ साल पहले जब पंजाब, हरियाणा एसजीपीसी के बंटवारे की बात को लेकर पंजाब व हरियाणा में खूब हो-हल्ला हो रहा था, तब रोमाणा ने एक बयान जारी कर कहा था कि एसजीपीसी का बंटवारा संसद से पारित होने के बाद ही हो सकता है, जिसके बाद उक्त मामला खत्म हो गया। रोमाणा के बेहद करीबी रहे सदस्य कुलभूषण राय बांसल उर्फ भूसी ने कहा कि उनके लिए रोमाणा का इस संसार से चले जाना व्यक्तिगत रुप से बड़ी क्षति है। भूसी ने बताया कि रोमाणा अपने पीछे भरा-पूरा परिवार छोड़कर गए है। उनकी कुल तीन संतान है, जिसमें दो बेटा व एक बेटी है। रोमाणा जी का अंतिम संस्कार मंगलवार की दोपहर तीन बजे फरीदकोट में होगा। रोमाणा की मृत्यु से अकाली दल को बड़ा झटका लगा है।

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