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शिअद-बादल ने सात सीटों पर उतार दिए उम्मीदवार, बठिंडा और फिरोजपुर का फैसला होगा दूसरी लिस्ट में

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फोकस बीजेपी पर : गुरदासपुर से डॉ. चीमा तो अमृतसर में
जोशी पर खेला दांव, दोनों ही मोर्चे फतेह करने की रणनीति

नदीम अंसारी
लुधियाना/13 अप्रैल। अपने पंथक-पार्टी होने के दावे पर अमल करते हुए बैसाखी के पावन मौके पर शिरोमणि अकाली दल-बादल ने बड़ा फैसला किया। पार्टी सुप्रीमो सुखबीर बादल ने शनिवार को लोकसभा चुनाव के लिए अपनी पार्टी के सात उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी। यहां गौरतलब है कि बठिंडा व फिरोजपुर सीट पर उम्मीदवारों का एलान नहीं किया। हालांकि इन दोनों अहम सीटों पर आने वाले उम्मीदवारों को लेकर अकालियों के अलावा विपक्षी दलों की भी खास नजर है। इस लिस्ट में गुरदासपुर, अमृतसर, आनंदपुर साहिब, फतेगढ़ साहिब, फरीदकोट, संगरूर और पटियाला सीट शामिल हैं।

‘थिंक-टैंक’ गुरदासपुर में किया फिट
पार्टी में डॉ. दलजीत सिंह चीमा की इमेज थिंक-टैंक वाली है। भाजपा के लिए प्रतिष्ठित गुरदासपुर सीट पर अकाली नेतृत्व ने खास फोकस कर यहां चीमा को भेजे। वह पेशे से डॉक्टर है और सूबे के शिक्षा मंत्री रहे। रूपनगर विधानसभा क्षेत्र की नुमाइंदगी करने वाले चीमा के कार्यकाल में आईआईटी और फ्लाईओवर बने थे। शिअद में प्रवक्ता व सचिव पद संभालने के अलावा वह मुख्यमंत्री के सलाहकार भी थे।

जोशी का गुरु नगरी में मोर्चा
कभी भाजपा में रहे अनिल जोशी प्रखर वक्ता होने के नाते जनता से जुड़े तमाम मुद्दों पर विरोधियों के साथ अपनी पार्टी पर भी वार करने से नहीं चूकते थे। सूबे में कैबिनेट मंत्री रहे जोशी को भी अकाली-नेतृत्व ने रणनीति के तहत अमृतसर से उम्मीदवार बनाया है। इस सीट पर कांग्रेस के काबिज होने के साथ दो बार अरुण जेतली और हरदीप पुरी जैसे बड़े नाम वाले भाजपा प्रत्याशी हारे थे। लिहाजा बीजेपी के लिए यह सीट जीतना बड़ी चुनौती है। गठजोड़ टूटने के बाद अकालियों का मेन-टारगेट भाजपा ही है। जोशी को मोर्चे पर भेजकर शिअद यह सीट जीतने का लक्ष्य रखेगी। अगर ऐसा नहीं भी होता है तो भाजपा का विजय रथ रोकने में अहम भूमिका तो निभाना ही चाहेगी।

बाकी सीटों के उम्मीदवार और हालात
आनंदपुर साहिब से प्रो. प्रेम सिंह चंदूमाजरा व पटियाला लोकसभा सीट से एनके शर्मा को शिअद ने उम्मीदवार बनाया है। प्रोफेसर चंदूमाजरा पार्टी में महासचिव व प्रवक्ता रहे। जबकि 2014 में इसी सीट से उन्होंने कांग्रेसी दिग्गज अंबिका सोनी को मात दी थी। पटियाला सीट से प्रत्याशी एनके शर्मा दो बार डेराबस्सी विधानसभा क्षेत्र से विधायक रहे हैं। फतेहगढ़ साहिब सीट से बिक्रमजीत सिंह खालसा को टकसाली नेता के तौर पर प्रोजेक्ट किया है। ताकि नए चेहरे से वर्करों में रोष पैदा न हो सके। इसी तरह, संगरुर से इकबाल सिंह झूंडा और फरीदकोट से राजविंदर सिंह को टिकट दिए हैं। राजविंदर स्वर्गीय गुरदेव सिंह बादल पोते हैं।
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