एक स्कूली बच्चे की मौत के बाद शायद अब जागेगा प्रशासन
(राजदीप सिंह सैनी)
लुधियाना 6 अगस्त। रायकोट रोड पर मंगलवार को एक स्कूली बस का एक्सिडेंट होने से एक बच्चे की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि बस ड्राइवर द्वारा ओवरस्पीड व लापरवाही से वाहन चलाया जा रहा था। हालाकि यह नियम अकेले जगराओं व रायकोट में ही नहीं तोड़े जा रहे है, बल्कि लुधियाना में भी खुलेआम तोड़ते हुए बच्चों की जान को दांव पर लगाया जा रहा है। स्कूलों व उनके बसों के बुरे हालातों को देखकर भी प्रशासन अनदेखा कर रहा है। लेकिन अब लोगों का कहना है कि शायद एक बच्चे की मौत के बाद लुधियाना जि
ला प्रशासन जाग जाए। क्योंकि लुधियाना के ज्यादातर स्कूलों की बसें कंडम हालात में है। जिसके बावजूद उनमें बच्चें ओवरलोड भरकर ले जाए जाते हैं। लुधियाना की सड़कों पर सरेआम ट्रैफिक नियम तोड़ते हुए बसें निकलती है। लेकिन फिर भी प्रशासन इस तरफ ध्यान नहीं देता। हालाकि कुछ दिन पहले आरटीए विभाग द्वारा कार्रवाई शुरु भी की गई थी। लेकिन फिर कार्रवाई रोक दी गई।
जिला प्रशासन पहले भी कर चुका आदेश जारी
पहले जिला प्रशासन द्वारा सभी स्कूलों को कंडम बसें इस्तेमाल न करने और नियमों के तहत ही बच्चें ले जाने के आदेश दिए गए थे। लेकिन प्रशासन के आदेशों को भी स्कूल प्रबंधकों द्वारा नजरअंदाज कर दिया गया और मनमानी ढंग से बच्चों को ले जाया जाता है। जबकि शहर में घूमने वाली बसों में किसी की हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट नहीं होती, तो किसी के ड्राइवर द्वारा लापरवाही से वाहन चलाया जाता है।
बच्चों को बैठाते है ड्राइवर सीट के पास
वहीं कई बसों व ऑटो में तो हालात यह है कि बच्चों को ड्राइवर सीट के पास बैठा दिया जाता है। जबकि नियमों के तहत ऐसे नहीं किया जा सकता। प्रशासन द्वारा सभी बसों में कंडक्टर लाजमी होने के आदेश दिए थे। लेकिन आज भी कई स्कूलों द्वारा बिना कंडक्टर के बच्चे भेजे जाते हैं। ऐसे में बच्चों की सुरक्षा राम भरोसे ही है।
कई बसों पर स्कूल के नाम नहीं, कही सीट बैलेट नहीं लगाते
लुधियाना में घूमने वाली कई बसों पर तो स्कूल के नाम ही नहीं लिखे होते। फर्जी तरीके से बसें स्कूलों में लगाकर काम लिया जाता है। शहर में कई बसों के ड्राइवर को बिना सीट बैलेट के ही ड्राइवरी करते देखे जाते हैं। ऐसे हालातों में आखिर प्रशासन एक्शन नहीं लेगा, तो बच्चे कैसे सुरक्षित रह सकते हैं।