लुधियाना, 29 अप्रैल : स्थानीय होटल में दो दिवसीय उत्तर पश्चिमी क्षेत्र के न्यूरोसर्जन एसोसिएशन की 9वी वार्षिक कॉन्फ्रेंस न्यूरोसर्जरी में नवीनतम तकनीकों पर हुई चर्चा के साथ संपन्न हो गयी, दो दिनों तक चले इस सम्मेलन में जम्मू-कश्मीर, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, चंडीगढ़, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के 200 से अधिक न्यूरोसर्जन शामिल हुए।
सम्मेलन का उद्घाटन पीजीआईएमईआर चंडीगढ़ के न्यूरोसर्जरी विभाग के प्रमुख डॉ. एस.के. गुप्ता ने किया, जो मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम में शामिल हुए। अपने उद्घाटन भाषण में डॉ. गुप्ता ने रोगी देखभाल और शल्य चिकित्सा कौशल में सुधार के लिए अकादमिक बातचीत और निरंतर सीखने के महत्व पर प्रकाश डाला।
एएनएनडब्ल्यूजेड के सम्मेलन के आयोजन अध्यक्ष डॉ. मनोज कुमार सोबती ने अध्यक्षीय भाषण दिया, जिसमें अतीत से लेकर वर्तमान और भविष्य तक न्यूरोसर्जरी के विकास का वर्णन किया गया। उन्होंने आधुनिक शल्य चिकित्सा पद्धतियों में रोबोटिक न्यूरोसर्जरी, न्यूरोनेविगेशन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी उन्नत तकनीकों की बढ़ती भूमिका पर जोर दिया।सम्मेलन के दौरान पीजीआईएमईआर चंडीगढ़, एम्स बठिंडा, पीजीआईएमएस रोहतक, एम्स जम्मू और एसकेआईएमएस श्रीनगर के प्रख्यात न्यूरोसर्जन ने सक्रिय रूप से भाग लिया। उन्होंने जटिल मामलों पर चर्चा की, अपने अनुभव साझा किए और नए विचारों का आदान-प्रदान किया, जिससे यह कार्यक्रम अकादमिक रूप से बहुत समृद्ध और जीवंत बन गया।
डॉ. एस.एस. ग्रेवाल, प्रोफेसर और न्यूरोसर्जरी के प्रमुख, और डॉ. हरमन सोबती, कंसल्टेंट न्यूरोसर्जन ने वैज्ञानिक सत्रों का संचालन किया। उनके सहज और आकर्षक समन्वय ने सत्रों को सभी प्रतिभागियों के लिए बहुत शिक्षाप्रद और प्रेरणादायक बना दिया।
डॉ. मनोज कुमार सोबती ने ANNWZ 2025 को एक यादगार और सफल आयोजन बनाने के लिए सभी प्रतिनिधियों, संकाय और आयोजकों को हार्दिक धन्यवाद दिया। उन्होंने आशा व्यक्त की कि इस तरह की अकादमिक सभाएँ पूरे क्षेत्र में सीखने, नवाचार और सहयोग को बढ़ावा देती रहेंगी।
