पंजाब रोडवेज पनबस और पीआरटीसी ठेका कर्मचारी संघ ने बुधवार को शेरपुर चौक पर चक्का जाम कर विरोध प्रदर्शन किया। कर्मचारियों ने जालंधर-दिल्ली नेशनल हाईवे पर भी प्रदर्शन किया। यूनियन नेताओं ने सरकार को चेतावनी दी कि अगर किलोमीटर स्कीम का टेंडर रद्द नहीं किया गया, तो वे चक्का जाम नहीं खोलेंगे। इस धरने में लुधियाना, मोगा, फरीदकोट और फिरोजपुर जिलों के ठेका कर्मचारी शामिल हुए।
चक्का जाम से आम जनता प्रभावित
यूनियन ने चक्का जाम का ऐलान बुधवार सुबह ही किया था। पुलिस ने बड़े कदम उठाने की बजाय सतर्कता बरती, लेकिन इसके बावजूद शेरपुर चौक से दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। स्थानीय लोगों का कहना था कि कर्मचारियों को अपनी मांगें सरकार के सामने रखनी चाहिए, जनता को परेशान करना उचित नहीं है।
निर्धारित समय पर धरना
यूनियन ने तय किया था कि वे दोपहर 12 बजे से धरना देकर चक्का जाम करेंगे। कर्मचारी समय पर धरना स्थल पर पहुंचे और चक्का जाम कर दिया। यूनियन नेताओं का आरोप है कि आम आदमी पार्टी की सरकार ने उनके साथ विश्वासघात किया है।
सरकार से कर्मचारियों की मांगें
कर्मचारी संघ ने मांग की है कि किलोमीटर स्कीम का टेंडर तुरंत रद्द किया जाए, विभाग के स्वामित्व वाली बसों को पुनः चालू किया जाए और आकस्मिक कर्मचारियों को नियमित किया जाए। संघ ने यह भी स्पष्ट किया कि धरने के दौरान कोई बस रोड पर नहीं उतरेगी, इसलिए यात्री अपनी मंजिल तक नहीं पहुंच पाएंगे।
इस प्रदर्शन से साफ हो गया कि कर्मचारियों की नाराजगी गहरी है और वे अपनी मांगों को मानने तक प्रदर्शन जारी रखने के मूड में हैं।