हरियाणा सेवा का अधिकार आयोग का आदेश: शिकायतकर्ता को 5 हजार रुपये  मुआवजा

हरियाणा सेवा का अधिकार आयोग
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बिजली विभाग की लापरवाही पर कड़ी नाराजगी

चंडीगढ़, 16 जुलाई- हरियाणा सेवा का अधिकार आयोग ने एक उपभोक्ता को समय पर बिजली बिल न मिलने के कारण बिजली विभाग के अधिकारियों को 5 हजार रुपये  का मुआवजा देने के आदेश दिए हैं। आयोग ने यह मुआवजा हरियाणा सेवा का अधिकार अधिनियम, 2014 की धारा 17(1)(h) के तहत अधिकतम निर्धारित सीमा के अनुसार लगाया है।

यह मामला उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम , कैथल से संबंधित था, जिसमें उपभोक्ता को मीटर लगने के बाद भी लगभग एक वर्ष तक बिजली बिल नहीं मिला। आयोग ने पाया कि न केवल शुरुआती स्तर पर कनेक्शन को गलत तरीके से रद्द किया गया, बल्कि अपीलीय प्रक्रिया में भी लगातार लापरवाही और टालमटोल बरती गई।

आयोग के प्रवक्ता ने बताया कि आयोग ने पूर्व आदेशों में स्पष्ट किया था कि तत्कालीन एसडीओ द्वारा लॉगिन आईडी का दुरुपयोग कर कनेक्शन रद्द किया गया और वर्तमान एसडीओ द्वारा भी बार-बार निर्देशों के बावजूद अधूरी जानकारी भेजी गई। साथ ही, राजस्व सहायक (सीए) की नियुक्ति व जिम्मेदारी को लेकर भी अस्पष्टता बरती गई।

जांच के दौरान यह भी सामने आया कि संबंधित जूनियर इंजीनियर, जिन्होंने प्रारंभिक प्रक्रिया में चूक की थी, का हाल ही में निधन हो गया है। वहीं, तत्कालीन सीए  को आयोग ने चेतावनी देते हुए भविष्य में सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं।

प्रवक्ता ने बताया कि आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि उपभोक्ता को छह किस्तों में बिल भुगतान की सुविधा दी जाए और मुआवजा राशि का समायोजन उपभोक्ता के बिल में किया जाए। यह राशि निगम अपनी ओर से पहले अदा करे और बाद में संबंधित अधिकारियों से नियमानुसार वसूल करे।

आयोग ने दोनों एसडीओ की सफाई स्वीकार करते हुए उन्हें भविष्य के लिए सख्त चेतावनी दी है और कहा है कि यदि आगे भी कोई शिकायत उनके विरुद्ध आती है, तो इस मामले को साथ जोड़ते हुए अनुशासनात्मक कार्रवाई की संस्तुति राज्य सरकार को भेजी जाएगी। एक्सईएन (ओपी), कैथल को 31 जुलाई 2025 तक आदेशों की अनुपालना रिपोर्ट आयोग को भेजने के निर्देश दिए गए हैं।

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