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बगावत ने बढ़ाई भाजपा-कांग्रेस की टेंशन, 34 सीटों पर 47 नेताओं ने खड़ा किया बखेड़ा,किसे मिलेगा फायदा?

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हरियाना/यूटर्न/9 सितंबर: हरियाणा में विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने 67 और कांग्रेस ने 41 उंमीदवारों का ऐलान कर दिया है। 5 अक्टूबर को वोटिंग से पहले दोनों पार्टियों के उंमीदवारों को बगावत का सामना करना पड़ रहा है। 29 सीटों पर बीजेपी और 5 सीटों पर कांग्रेस को अपनों से ही विरोध का सामना करना पड़ रहा है। दोनों पार्टियों में टिकटों के ऐलान के बाद भगदड़ और बगावत की स्थिति देखी जा रही है। कांग्रेस की पहली लिस्ट में 32 और दूसरी में 9 टिकटों का ऐलान किया गया है। पहली सूची में 28 सीटिंग एमएलए उतारे गए थे। विरोध अधिक नहीं था।
हुड्डा के करीबियों ने बढ़ाई मुश्किल
अब पार्टी को 5 विधानसभा सीटों पर 9 नेताओं के विरोध का सामना करना पड़ रहा है। कुछ नेता दीपेंद्र हुड्डा के करीबी हैं, तो कुछ भूपेंद्र सिंह हुड्डा के। 3 नेताओं ने पार्टी को छोडऩे का ऐलान भी कर दिया है। इनमें बहादुरगढ़ से राजेश जून, साढौरा से बृजपाल छप्पर और बरोदा से कपूर नरवाल शामिल हैं। बरवाला और गोहाना की सीट पर रामनिवास घोड़ेला और हर्ष छिकारा के नाम पर भी विवाद है। गुरुग्राम से टिकट न मिलने पर पूर्व विधायक उमेश अग्रवाल की पत्नी अनीता बीजेपी में जा चुकी हैं। बीजेपी में भी अधिक विरोध है। पार्टी से 16 बड़े नेता किनारा कर चुके हैं। इनमें पूर्व बिजली मंत्री रणजीत सिंह, मार्केटिंग बोर्ड के चेयरमैन आदित्य देवीलाल शामिल हैं। आदित्य इनेलो में शामिल होकर डबवाली से नामांकन कर चुके हैं। ओबीसी मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष कर्णदेव कंबोज और शशि परमार भी इस्तीफा दे चुके हैं। कुरुक्षेत्र के सांसद नवीन जिंदल की मां सावित्री जिंदल समेत 11 नेताओं ने आजाद लडऩे का ऐलान किया है।
टिकट न मिलने पर रो पड़े कई नेता
साढौरा से दाताराम, यमुनानगर से देवेंद्र चावला, कालांवाली से बलकौर सिंह, सफीदों से बचन सिंह आर्य, नीलोखेड़ी से मीना चौहान और गुरुग्राम से जीएल शर्मा भी विरोध में उतरे हैं। पार्टी की 67 सीटों में से 29 पर विवाद है। 38 नेता खुलकर विरोध कर रहे हैं। टिकट न मिलने पर पूर्व मंत्री कविता जैन, दीपक डागर, बिशंभर वाल्मीकि और शशि परमार जैसे नेता कैमरे के सामने रोते देखे गए हैं। बगावत का बीजेपी को नुकसान हो सकता है। माना जा रहा है कि बीजेपी में फिलहाल अधिक भगदड़ है। लेकिन कांग्रेस जैसे ही तीसरी लिस्ट जारी करेगी, उसे भी बगावत का सामना करना पड़ेगा। हरियाणा कांग्रेस प्रभारी बाबरिया के सामने कुछ टिकटों के दावेदार नेता विरोध तक जता चुके हैं। माना जा रहा है कि दोनों पार्टियों में बगावत का फायदा इनेलो, जेजेपी और दूसरे दलों का होगा।
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