निगम में सरकारी फंड से 3.16 करोड़ हेरफेर करने का मामला
लुधियाना 17 अक्टूबर। विजिलेंस ब्यूरो लुधियाना की टीम द्वारा तीन दिन पहले नगर निगम में 3.16 करोड़ रुपए सरकारी फंड निकालकर हेरफेर करने के आरोप में मामला दर्ज किया था। इस मामले में पयादा माने जाते एक्सियन रणबीर सिंह को तो विजिलेंस ने गिरफ्तार कर लिया, लेकिन मास्टरमाइंड माने जा रहे डीएफएओ (डिस्ट्रिक्ट फाइनेंस एंड अकाउंट्स ऑफिसर) पंकज गर्ग और रिटायर्ड एसई राजिंद्र सिंह को विजिलेंस अभी तक गिरफ्तार नहीं कर सकी है। आरोपी रिटयार्ड एसई राजिंद्र सिंह की बेटी की निरवाना क्लब में बुधवार को शादी थी। राजिंद्र सिंह शादी में जमकर एंजॉय कर रहे थे। लेकिन विजिलेंस के मुताबिक दोनों आरोपी पंकज गर्ग व राजिंद्र अभी फरार है। लोगों में चर्चा है कि विजिलेंस द्वारा खुद ही आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया जा रहा। हालाकि इससे विजिलेंस की कार्रवाई पर सवाल खड़े हो रहे हैं। राजिंद्र की बेटी की शादी में नगर निगम के नीचे सत्र से लेकर उच्च सत्र तक के अधिकारी भी शामिल हुए थे। जबकि इस समारोह में पंजाब के मंत्री हरभजन सिंह ईटीओ, व लुधियाना के कई विधायकों व लीडरों द्वारा भी शिरकत की गई थी। चर्चा है कि राजनीतिक दबाव के चलते ही यह गिरफ्तारियों नहीं हो पा रही।
बृजपाल केस रिओपन करने की जरुरत, कई चेहरे होंगे बेनकाब
नगर निगम के सुपरिटेंडेंट बृजपाल द्वारा नगर निगम मुलाजिमों व एक महिला सुपारी किल्लर के सहयोग से 11 फरवरी 2022 को निक्कामल चौक में आरटीआई एक्टिविस्ट राजेश कुमार जैन पर जानलेवा हमला कराया था। मामले की जांच में सामने आया था कि निगम में सफाई सेवकों की सैलरी में हुए घोटाले को राजेश द्वारा उजागर किया जाना था, जिसके चलते हमला हुआ। हालाकि इस मामले में भी डीएफएओ पंकज गर्ग और रिटायर्ड एसई राजिंद्र सिंह का नाम सामने आने की चर्चा है। जिसके चलते बृजपाल केस को रिओपन करने की जरुरत है। इसमें कई उच्च अधिकारियों के हमले में शामिल होने की आशंका है।
पूर्व निगम कमिश्नर पर भी लगे थे रिश्वत के आरोप
चर्चा है कि बृजपाल केस में कई अधिकारियों ने मिलकर हमला कराया था। लेकिन अधिकारियों का बचाव करने के लिए मामले को दबा दिया गया। लेकिन अभी तक वे मामला विचाराधीन है। चर्चा यह भी है कि इस मामले में पूर्व महिला निगम कमिश्नर पर भी 10 लाख रुपए रिश्वत लेने के आरोप है। मामले की जांच में पूर्व कमिश्नर का नाम सामने भी आया था। लेकिन जब इस बात का शोर पड़ा तो मामला दबा लिया गया। अब देखना होगा कि विजिलेंस इस मामले को रिओपन करके जांच करती है या नहीं।
मंत्री व विधायक शादी समारोह में हुए शामिल, घूमता रहा आरोपी
वहीं चर्चा है कि रिटायर्ड एसई राजिंद्र सिंह की बेटी की शादी समारोह में पंजाब के मंत्री हरभजन सिंह ईटीओ व लुधियाना के कई विधायक शामिल हुए। हैरानी की बात तो यह है कि मंत्री व विधायकों के सामने करोड़ों के घो
टाले का आरोपी सरेआम घूमता रहा, लेकिन इन नेताओं द्वारा एक जिम्मेदार नागरिक होने की सोच विजिलेंस के जरिए आरोपी को गिरफ्तार कराने की जरुरत तक नहीं समझी। हालाकि आप सरकार द्वारा भ्रष्टाचार खत्म करने व अपराधियों को सलाखों के पीछे धकेलने के दावे किए जाते हैं। जिसके चलते विधायकों का फर्ज था कि वह खुद आरोपी को गिरफ्तार कराते। मगर वे खुद ही अपराधियों के फंक्शन में शामिल हो रहे हैं।
आम जनता देर रात घर से भी अरेस्ट कर लेती है पुलिस
चर्चा यह भी है कि लीडरों के फंक्शन में होने के चलते विजिलेंस द्वारा वहां रेड नहीं की गई। हालाकि लोगों का कहना है कि आम जनता को तो देर रात घर में घुसकर भी पुलिस अरेस्ट कर लेती है, लेकिन राजिंद्र सिंह की सेटिंग राजनीतिक आगुओं से होने के चलते उसकी गिरफ्तारी नहीं की जा रही। हालाकि चर्चा है कि बड़े घोटालों को छिपाने के लिए छोटा घोटाला सामने लाकर एक पयादे की गिरफ्तारी डाली गई। जबकि बड़े मगरमच्छ अभी खुलेआम घूम रहे हैं।
ओएंडएम सेल में एक साल में 15-20 करोड़ का घोटाला
वहीं चर्चा है कि पिछले एक साल में ओएंडएम सेल में फर्जी बिल बनाकर 15 से 20 करोड़ का घोटाला किया जा चुका है। जबकि यह घोटाला भी ओएंडएम सेल के अधिकारियों, डीएफएओ की और से उच्च अधिकारियों के साथ मिलकर किया गया है। दरअसल, 20 हजार से नीचे छोटे खर्चों के बिल पास करने की परमीशन जोनल व ज्वाइंट कमिश्नर के पास होती है। जिसके चलते सभी अधिकारी मिलकर मामुली खर्चों को उन बिल में दिखाकर रोजाना सरकारी खजाने का पैसा अपनी जेब में डाल रहे हैं। जबकि निगम कमिश्नर को सीएम एमरजेंसी फंड से ढ़ाई लाख तक इस्तेमाल करने की परमीशन है। जिसके चलते हर साधारण कार्य को एमरजेंसी फंड में दिखाकर महीने में लाखों रुपए निकाले जा रहे हैं। इस बिल घोटाले की जांच में कई बड़े नाम सामने आ सकते हैं।
मामले की होने की चाहिए ईडी जांच
वहीं बीजेपी के वरिष्ठ नेता गुरदेव शर्मा देबी ने कहा कि इस मामले की ईडी द्वारा जांच होनी चाहिए। आप सरकार खुद को ईमानदार बताती है, लेकिन उनके कार्यकाल में सरेआम करोड़ों के घोटाले हो रहे हैं। इस मामले की एजेंसियां जांच करेगी तो पता चल जाएगा कि विजिलेंस की इन्वेस्टिगेशन सही है या सिर्फ आईवॉश किया जा रहा है।
आरोपी फरार, जल्द होगी गिरफ्तारी
वहीं विजिलेंस के एसएसपी रविंद्रपाल सिंह ने बताया कि दोनों आरोपी अभी फरार है। जल्द उनकी गिरफ्तारी की जाएगी। गिरफ्तारी के बाद पूछताछ कर अगर और भी घोटाले सामने आते है तो उसकी जांच होगी। आरोपी राजिंद्र द्वारा बेटी की शादी शामिल होने के सवाल पर एसएसपी ने कहा कि कोई बात नहीं जल्द अरेस्ट कर लिया जाएगा।