हरियाणा 10 सितंबर। हरियाणा के बिजली निगमों में तैनात कच्चे कर्मचारियों को लेकर पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला दिया है। हाईकोर्ट ने सरकार को कहा है कि बिजली निगमों को लंबे समय से कार्यरत कच्चे कर्मचारियों की सर्विस के 6 हफ्ते के भीतर नियमित करने का आदेश दिया जाए। साथ ही चेतावनी दी है कि ऐसा न करने पर सरकार के खिलाफ हाईकोर्ट अवमानना की कार्यवाही करेगा। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि इन कर्मचारियों, जिनमें से कुछ 1995 से कार्यरत हैं, को उनके पक्ष में पहले के फैसलों के बावजूद 30 सालों में 9 बार मुकदमा लड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा। कोर्ट के इस फैसले से करीब साढ़े 3 हजार कर्मचारियों को राहत मिलने की उम्मीद है।
कर्मचारियों के शोषण का सरकार को अधिकार नहीं
जस्टिस हरप्रीत सिंह बराड़ ने उनके दावों को खारिज कर दिया और फैसला सुनाया कि यदि 6 सप्ताह के भीतर कोई आदेश पारित नहीं होता, तो याचिकाकर्ताओं को उनके सहकर्मी वीर बहादुर, जिन्हें पिछले साल नियमित किया गया था, के समान पूर्ण लाभ, वरिष्ठता और बकाया राशि के साथ नियमित माना जाएगा। कोर्ट ने कहा कि संवैधानिक नियोक्ता होने के नाते राज्य को स्वीकृत पदों की कमी या नियमित पदों के लिए शैक्षिक योग्यता पूरी करने में कर्मचारियों की अक्षमता की आड़ में अपने अस्थायी कर्मचारियों का शोषण करने की अनुमति नहीं दी जा सकती। जबकि वे काफी समय से लगातार उसके अधीन काम कर रहे हैं।