मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने अब तक राज्य के कुल 1143 गांवों में घरों, पशुओं को हुए नुकसान और फसल नुकसान सहित हर प्रकार के नुकसान के लिए मुआवज़ा दे दिया है।
राहत वितरण के तीसरे चरण के लगातार दूसरे दिन आज राज्य सरकार ने मिशन चढ़दी कला के तहत लोगों तक लगातार पहुँच बनाते हुए पूरे राज्य में बाढ़ प्रभावित परिवारों को वित्तीय सहायता बांटी। उल्लेखनीय है कि इन दो दिनों में 35 करोड़ रुपये से अधिक की राशि वितरित की जा चुकी है।
अमृतसर, फाज़िल्का, फिरोज़पुर, गुरदासपुर, जालंधर, कपूरथला, होशियारपुर, मानसा, संगरूर और एस.बी.एस. नगर ज़िलों में लगभग 70 स्थानों पर राहत वितरण कार्यक्रम करवाये गए।
इस संबंध में जानकारी देते हुए सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि फिरोज़पुर ज़िले में रणबीर सिंह भुल्लर (विधायक फिरोज़पुर शहरी), रजनीश दहिया (विधायक फिरोज़पुर देहाती), नरेश कटारिया (विधायक ज़ीरा) और फौजा सिंह सरारी (विधायक गुरुहरसहाय) ने अलग-अलग कार्यक्रमों के दौरान लगभग 3,000 किसानों को 16.68 करोड़ रुपये से अधिक की मुआवज़ा राशि वितरित की।
उन्होंने बताया कि डेरा बाबा नानक में विधायक गुरदीप सिंह रंधावा द्वारा गांव शाहपुर गोराइया, भगताना तुलियां, अगवान, शकरी और मछराला के 935 बाढ़ प्रभावित परिवारों को 3.71 करोड़ रुपये की मुआवज़ा राशि वितरित की गई।
प्रवक्ता ने कहा कि ज़िला श्री मुक्तसर साहिब में विधायक जगदीप सिंह काका बराड़ ने बाढ़ से हुए घरों के नुकसान के लिए गांव अटारी, डोहक, झबेलवाली, खोखर, कोटली संघर, लुबाणियांवाली, मराड़ कलां, मान सिंहवाला, मुकंद सिंह वाला, थांदेवाला, उदेकरण और वंगल के 270 लाभार्थियों को गांव थांदेवाला में आयोजित कार्यक्रम के दौरान मंज़ूरी पत्र वितरित किए।
इसी तरह, सुल्तानपुर लोधी क्षेत्र के गांव आलम खानवाला, शेरपुर डोगरा और पस्सन कदीम के प्रभावित परिवारों को भी मुआवज़ा वितरित किया गया।
प्रवक्ता ने बताया कि अमृतसर ज़िले की लोपोके उपमंडल के अधीन आने वाले गांव तूत, मोतला, जय राम कोट और भग्गूपुर बेट में बाढ़ पीड़ित परिवारों को एस.डी.एम. लोपोके संजीव शर्मा ने लगभग 26 लाख रुपये के मंज़ूरी पत्र वितरित किए। उन्होंने कहा कि यह राशि सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में भेजी जाएगी।
उल्लेखनीय है कि पंजाब बाढ़ प्रभावित परिवारों को सबसे अधिक मुआवज़ा देने वाला देश का पहला राज्य है और राज्य सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि हर प्रभावित परिवार तक पारदर्शिता के साथ राहत पहुंचे।
उन्होंने बताया कि क्षतिग्रस्त घरों के लिए वित्तीय सहायता 6,500 रुपये से बढ़ाकर 40,000 रुपये प्रति घर कर दी गई है, जबकि फसल क्षति के लिए प्रभावित किसानों को मुआवज़ा के तौर पर प्रति एकड़ 20,000 रुपये मुआवज़े के रूप में दिए जा रहे हैं, जो अब तक देश में दिया गया सबसे अधिक फसली मुआवज़ा है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार प्रभावित परिवारों की आजीविका बहाल करने के उद्देश्य से वित्तीय सहायता प्रदान करते हुए पशुओं के नुकसान के लिए प्रति दुधारू पशु 37,500 रुपये, प्रति ग़ैर-दुधारू पशु 32,000 रुपये, प्रति बछड़ा 20,000 रुपये और प्रति पोल्ट्री पक्षी 100 रुपये मुआवज़ा दे रही है।
प्रवक्ता ने कहा कि देश के इतिहास में पहली बार पंजाब ने अपने किसानों को प्रगतिशील पहल “जिसदा खेत, उसदी रेत” के माध्यम से अपने खेतों से रेत निकालने का अधिकार दिया है और उन्हें अपनी भूमि को बहाल करने और आगामी बुआई सीज़न के लिए खेतों को तैयार करने के समर्थ बनाया है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली राज्य सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि प्रत्येक पात्र परिवार को उनके घरों, फ़सलों और पशुओं के नुकसान का पूरा और समयबद्ध मुआवज़ा मिले।





