पेशे से कारोबारी-डिजाइनर चारु को साहित्य से जुनून की हद तक लगाव
लुधियाना 5 फरवरी। इस भागदौड़ भरी जिंदगी में भी वाकई कुछ लोग अपने व्यस्त जीवन से वक्त निकालकर अपना शौक पूरा करते हैं। ऐसी ही मिसाल कायम की है कारोबारी-डिजाइनर चारु नागपाल ने। जिनको बचपन से साहित्य से जुनून की हद तक लगाव है।
पड़ोसी राज्य हरियाणा में जन्मी चारु पंजाब की औद्योगिक राजधानी लुधियाना में विवाह के बाद यहीं रच-बस गईं। अपने पति उमेश नागपाल के हौजरी कारोबार में वह बतौर डिजाइनर हाथ बंटाती हैं। इसी कारोबारी व्यस्तता के बीच वक्त निकालकर वह अपनी साहित्यिक-रुचि को भी जिंदा रखे हुए हैं। उन्होंने जीवन-दर्शन पर आधारित अपने नए संकलन ‘रुह से रुबरु’ के जरिए शानदार लेखन का परिचय दिया। उनकी इस पुस्तक का विमोचन ‘यूटर्न टाइम’ के संपादक संदीप शर्मा ने अपने कार्यालय में किया।
लेखिका रुचि नागपाल ने बताया कि जीवन-दर्शन पर आधारित 311 पेज की उनकी इस पुस्तक के कुल डेढ़ सौ अध्याय हैं। जिनमें क्रमवार मानव-जीवन की समस्याओं का समाधान आसान तरीके से समझाया गया है। बकौल रुचि, वह महान लेखक-उपन्यासकार मुंशी प्रेमचंद को अपना आदर्श मानती हैं। उनके नक्शे-कदम ही उन्होंने भी अपने संकलन रुह से रुबरु में आम भाषा के जरिए लोगों को जीवन-दर्शन आसानी से समझाने का प्रयास किया है।
बिजनेस, गृहस्थ जीवन और लेखन में तालमेल किस तरह संभव है, इसे लेकर वह भरोसे से कहती हैं कि सब कुछ इच्छा-शक्ति से संभव है। अपने शौक को पूरा करने के लिए इंसान हर हालत में वक्त निकाल ही लेता है। हकीकत में यही जीवन-दर्शन है कि आप भागदौड़ भरी तनावपूर्ण जिंदगी से कुछ वक्त निकालकर अपने लिए भी जिएं। वर्ना इस व्यस्त जीवन में तो अपने सगों के लिए भी आज के दौर में वक्त निकाल पाना मुमकिन नहीं है।
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