नाराज पार्षद पूनम में आजाद नामांकन भरा, कमेटी के 5 सदस्यों के लिए 6 पार्षद मैदान में
चंडीगढ़ 4 फरवरी। यहां नगर निगम में मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव निपटने के बाद भी सियासी-माहौल गर्म है। दरअसल नगर निगम की कमेटियों के गठन का प्रोसेस शुरू हो गया है। इसी कड़ी में नगर निगम की सबसे महत्वपूर्ण कमेटी, फाइनेंस एंड कांट्रेक्ट कमेटी के मेंबरों के चुनाव के लिए एक बार फिर भाजपा और इंडिया गठबंधन आमने सामने होगा।
एफएंडसीसी मेंबर के लिए भाजपा की तरफ से पार्षद जसमनप्रीत सिंह और सौरभ जोशी ने अपना नामांकन दाखिल किया है। वहीं इंडिया गठबंधन में शामिल आम आदमी पार्टी के दो पार्षदों ने भी नामांकन भरे हैं। इनमें आप के प्रवक्ता योगेश ढींगरा और पार्षद सुमन देवी शामिल हैं। इस मौके पर आप के ज्यादातर पार्षद मौजूद रहे। कांग्रेस की ओर से पार्षद गुरप्रीत सिंह गाबी ने नामांकन भरा।
फाइनेंस एंड कांट्रेक्ट कमेटी में कुल पांच मेंबर चुने जाने हैं। इसके लिए 6 पार्षद नामांकन भर चुके हैं। एफएंडसीसी मेंबरों का चुनाव 7 फरवरी को नगर निगम दफ्तर में होगा।
आम आदमी पार्टी की ओर से मेयर पद के लिए कैंडिडेट ना बनाए जाने से नाराज चल रही आप र्षद पूनम ने भी आजाद उम्मीदवार के रूप में एफएंडसीसी मेंबर के लिए नामांकन भर दिया।
सूत्रों के अनुसार, मेयर पद के बाद एफएंडसीसी मेंबर के लिए भी खुद को नजरअंदाज किए जाने से पार्षद पूनम और उनके पति संदीप नाराज हैं। उनकी नाराजगी सामने आने के बाद पार्टी ने पूनम को मनाने की कोशिश भी की, मगर उन्होंने आजाद उम्मीदवार के रूप में नामांकन भर दिया। उधर, आप प्रवक्ता योगेश ढींगरा ने पूनम के नामांकन भरने की बात को महज अफवाह बताया। उनके मुताबिक, ऐसा कोई प्रावधान नहीं है, जहां उम्मीदवार बिना किसी पार्टी के प्रपोजर के साइन के बगैर अपना नामांकन वगैरह भर सके।
हालांकि ढींगरा ने यह जरूर माना कि एफएंडसीसी मेंबर के लिए पूर्व मेयर कुलदीप कुमार ने पूनम का नाम रिकमेंड किया है। फाइनेंस एंड कांट्रेक्ट कमेटी के पांच मेंबर ही हो सकते हैं जबकि कुल 6 पार्षदों ने नामांकन भरे हैं। ऐसे में अगर किसी ने अपना पर्चा वापस नहीं लिया तो 7 फरवरी को चुनाव कराया जाएगा। हालांकि, नाम वापस लेने की कोई तारीख फिक्स नहीं है और चुनाव से पहले कभी भी नामांकन वापस लिया जा सकता है।
पिछले साल भी एफएंडसीसी मेंबरों के लिए 6 पार्षदों ने नामांकन दाखिल किए थे लेकिन चुनाव की प्रक्रिया शुरू होते ही एक पार्षद ने अपना नाम वापस ले लिया था। उसके बाद बाकी पांच पार्षद सर्वसम्मति से मेंबर बन गए। नगर निगम की एफएंडसीसी का अध्यक्ष मेयर होता है। नगर निगम की ओर से कराए जाने वाले ज्यादातर कामों से जुड़े बजट वगैरह की अप्रूवल इसी कमेटी की ओर से दी जाती है।
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