रावी के उफान ने सब कुछ छीना, घर-खेत डूबे; अब गाद और गंदगी का डर

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8 सितम्बर –
अमृतसर के सरहदी गांंव कोटली खेहरा में रावी का कहर बरपा है। पानी के कारण गांव का सरकारी स्कूल और डिस्पेंसरी वीरान टापू की तरह दिखते हैं। इनके चारों ओर गंदा पानी जमा है। खेल का मैदान गंदे तालाब में तब्दील हो चुका है।बाढ़ में घिरा पंजाब का सीमांत गांव कोटली खेहरा आज अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। रावी दरिया के रौद्र रूप व धुस्सी बांध टूटने से इस गांव में भारी तबाही हुई है। बाढ़ में घिरे यहां के लोगों में अब गांव में महामारी फैलने का खौफ है। गांव में एक अजीब सी गंध हवा में फैली है। यह गंध सड़े हुए अनाज, गाद और ठहरे हुए पानी की है।गांव के बुजुर्ग हरमिंदर सिंह पानी में डूबे खेतों को देख भावुक हो गए। उन्होंने बताया कि रावी का पानी जब धुस्सी बांध तोड़कर गांव में घुसा तो देखते ही देखते चार फीट जलभराव हो गया। लोग जान बचाकर बच्चों को लेकर ऊंची जगहों की ओर भागे। घर, सामान, जानवर सब कुछ पानी में घिर गया। उनकी आवाज में दर्द और बेबसी साफ झलक रही थी।बलबीर सिंह ने बताया कि पानी तो उतर रहा है लेकिन अपने पीछे जो गाद और गंदगी छोड़ गया है, उसने हमारी जिंदगी को नरक बना दिया है। दिन में मक्खियां परेशान करती हैं तो रात में मच्छर सोने नहीं देते। गांव वाले और प्रशासन की टीमें टूटी हुई नहर को बांधने की कोशिशों में दिनरात जुटे हैं। ठहरे हुए पानी के कारण गांव में संक्रामक रोगों का खतरा मंडराने लगा है।