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अरावली क्षेत्र में हरित रोजगार के अवसर सृजित करने की योजना- राव नरबीर सिंह

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इको-टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए जंगल सफारी के प्रस्ताव पर विभाग कर रहा है तेजी से कार्य

सबसे पुरानी पर्वत श्रृंखला अरावली हरियाणा की है शान, हरियाणा सहित चार राज्यों के 1.15 मिलियन हेक्टेयर क्षेत्र के वनों का होगा उद्धार

केंद्रीय पर्यावरण मंत्री श्री भूपेंद्र सिंह यादव अरावली ग्रीन प्रोजेक्ट का कल करेंगे शुभारंभ

चंडीगढ़, 05 फरवरी – हरियाणा के पर्यावरण, वन एवं वन्य जीव मंत्री राव नरबीर सिंह ने कहा कि सबसे पुरानी पर्वत श्रृंख्ला अरावली हरियाणा की शान है, हरियाणा सहित दिल्ली, राजस्थान व गुजरात के 1.15 मिलियन हेक्टेयर क्षेत्र में यह फैली हुई है। इसमें पर्यावरण संतुलन को बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने मिशन लाइव पर्यावरण के लिए जीवन शैली व एक पेड़ मां के नाम कार्यक्रम की शुरुआत कर लोगों को पर्यावरण से जोड़ने की पहल स्वागत योग्य है। इस कड़ी में हरियाणा ने अरावली क्षेत्र में हरियाली को बढ़ाने के लिए साउदी अरबिया की तर्ज पर अरावली ग्रीन वाल प्रोजेक्ट की रूपरेखा तैयार की है। केंद्रीय पर्यावरण मंत्री श्री भूपेंद्र सिंह यादव कल 6 फरवरी को इस परियोजना का शुभारंभ करेंगे।

राव नरबीर सिंह ने कहा कि साउदी अरब एक रेगिस्तानी देश है परन्तु वहां पर हरित पट्टीयां विकसित कर हरियाली को बड़े आकर्षण ढंग से बढ़ाया है। इसी को देखते हुए भारत सरकार ने हरियाणा को अरावली ग्रीन वाल प्रोजेक्ट तैयार करने की जिम्मेवारी सौंपी हैं। वे स्वंय ग्रीन वाल प्रोजेक्ट का अवलोकन करने के लिए साउदी अरबिया का दौरा कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही वे नागपुर (महाराष्ट्र) के गोरेवाड़ा वन्यजीव सफारी तथा जाम नगर, गुजरात के वनतारा परियोजना का अध्ययन करने के लिए 7 फरवरी से चार दिवसीय अध्ययन दौरे पर जाएंगे।

उन्होंने कहा कि अरावली ग्रीन वॉल परियोजना के तहत हरियाणा, राजस्थान, गुजरात और दिल्ली सहित चार राज्यों में 1.15 मिलियन हेक्टेयर से अधिक भूमि का सुधार बहु-राज्य सहयोग का एक अनुकरणीय मॉडल प्रदर्शित करना है। वनों की स्वदेशी प्रजातियों के साथ वनरोपण, जैव विविधता संरक्षण, मृदा स्वास्थ्य में सुधार और भूजल पुनर्भरण को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करना भी है।

अरावली में जंगल सफारी को भी दिया जाएगा बढ़ावा

उन्होंने कहा कि अरावली क्षेत्र में ग्रीन वाल प्रोजेक्ट के साथ-साथ इस पर्वत श्रृंख्ला में इको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए जंगल सफारी परियोजना के प्रस्ताव पर भी हम आगे बढ़ रहे हैं। गत दिनों मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने जंगल सफारी परियोजना को पर्यटन विभाग की बजाय वन एवं वन्य जीव विभाग को इसे सिरे चढ़ाने की जिम्मेवारी सौंपी है। इसीलिए वे स्वंय विभाग के अधिकारियों के साथ परियोजना की अवधारणा का अध्ययन करने के लिए महाराश्ट्र एवं गुजरात के दौरे पर जा रहे हैं।

कहा कि इस परियोजना से अरावली क्षेत्र में स्थानीय लोगों के लिए हरित रोजगार के अवसर सृजित होंगे तथा जैव विविधता संरक्षण और पर्यावरण अनुकूल संसाधन प्रबंधन को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि हरियाणा में युवा पीढ़ी को प्रकृति को इस नेक कार्य के प्रति जागरूक करने तथा उनके आजिविका के साधन बढ़ाने के लिए राज्य में वन मित्रों की नियुक्ति की गई है, जो स्थानीय लोगों को वनों से जोड़ रहे है।

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