हैरान करने वाला फर्जीवाड़ा : राजस्थान के आरोपी को पंजाब पुलिस पकड़ने गई तो चंडीगढ़ पुलिस से हो गया टकराव
पंजाब, चंडीगढ़, 14 अक्टूबर। इसे फर्जीवाड़े की इंतेहा की कहेंगे कि अब चुनाव में भी जाली दस्तावेज तैयार कर उम्मीदवार बनने लगे। पंजाब से राज्यसभा सीट पर उप चुनाव में सत्ताधारी आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार राजिंदर गुप्ता ही अकेले चुनाव मैदान में हैं। ऐसे में एक कथित नेता ने नामांकन पत्र दाखिल कर दिया।
जालसाज फंसा सोशल मीडिया के चलते :
जानकारी के मुताबिक अमृतसर से आप विधायक व पूर्व आईपीएस कुंवर विजय प्रताप सिंह ने इस मामले में शिकायत दर्ज कराई। अन्य सत्ताधारी विधायकों की शिकायतें मिलने पर पुलिस ने कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी। शिकायत के मुताबिक राजस्थान के जयपुर निवासी नवनीत चतुर्वेदी ने पंजाब में रास सीट के लिए जनता पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष होने का दावा करते हुए नामांकन पत्र भरा। उस पर विधायकों के जाली हस्ताक्षर किए। शिकायतकर्ता विधायकों के मुताबिक उन्हें ऐसे संदेश सोशल मीडिया से मिले। जिनसे पता चला कि वे आरोपी द्वारा पंजाब विधानसभा सचिव के समक्ष दाखिल नामांकन पत्र में उसके प्रस्तावक के रूप में कथित तौर पर शामिल थे। उसने दो नामांकन 6 और 13 अक्तूबर को दाखिल किए।
पंजाब और चंडीगढ़ पुलिस में भिड़ंत से गर्माया मामला :
पंजाब पुलिस इस मामले को गंभीरता से लिया। मंगलवार आरोपी नवनीत चतुर्वेदी को गिरफ्तार करने के लिए रूपनगर के आला अफसर चंडीगढ़ पहुंचे। हालांकि चंडीगढ़ पुलिस से नवनीत को सुरक्षा देने पर विवाद हो गया। सुखना लेक के पास दोनों पुलिस टीमों के बीच तीखी बहस, इसका वीडियो भी सामने आया। इसके बाद चंडीगढ़ की एसएसपी कंवरदीप कौर मौके पर पहुंची और आरोपी नवदीप को हेडक्वार्टर ले गईं। बाद में उसे सैक्टर-3 पुलिस स्टेशन लाया गया। सूत्रों के मुताबिक नवनीत के वकील थाने में गए। इस दौरान हिमाचल नंबर की इनोवा गाड़ी भी यहां पहुंची, जिसमें पंजाब पुलिस के कुछ अधिकारी और वकील मौजूद थे।
आरोपी जाएगा हाईकोर्ट, आप का चंडीगढ़ पुलिस पर संगीन इलजाम :
आरोपी नवनीत के नामांकन रद हो चुके हैं। उसने कहा कि अब वह हाईकोर्ट की शरण लेगा। रूपनगर सिटी थाने में उसके खिलाफ केस दर्ज किया गया। उधर, इस मामले में आप के पंजाब प्रधान अमन अरोड़ा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि रूपनगर पुलिस आरोपी के अरेस्ट वारंट लेकर चंडीगढ़ पहुंची थी। जब पुलिस चंडीगढ़ पहुंची तो यह व्यक्ति सचिवालय से निकलकर सुखना लेक की तरफ चला गया। फिर चंडीगढ़ पुलिस केंद्र सरकार के इशारे पर उसे बचाने के लिए पहुंची। चंडीगढ़ पुलिस उसे स्टेट गैस्ट की तरह अपनी गाड़ी में घुमाने लगी रही।
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