पंजाब में राज्यसभा उप चुनाव : कथित फर्जी उम्मीदवार नवनीत के नामाकंन दाखिल करने का मामला बना रहस्य !

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रास सांसद संजीव अरोड़ा के इस्तीफे से पार्टी के उम्मीदवार हैं राजिंदर गुप्ता, सभी प्रमुख दल बैकफुट पर

चंडीगढ़, 15 अक्टूबर। पंजाब में राज्यसभा के उप चुनाव में सत्ताधारी आम आदमी पार्टी ने राजिंदर गुप्ता को उम्मीदवार घोषित कर रखा है। आप सरकार के पास बहुमत होने के कारण किसी भी प्रमुख दल ने अपना उम्मीदवार नहीं उतारा था। ऐसे में जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष होने का दावा करने वाले नवनीत चतुर्वेदी ने इस रास सीट के लिए नामाकंन दाखिल कर सबको चौंका दिया था।

गौरतलब है कि चतुर्वेदी के खिलाफ कई एफआईआर दर्ज की गईं। दरअसल कई आप विधायकों ने आरोप लगाया था  कि उसने दाखिल किए नामांकन पत्रों पर उनके जाली हस्ताक्षर किए थे। पुलिस के मुताबिक विधायकों ने कहा कि उन्हें सोशल मीडिया पोस्ट मिले, जिनसे पता चला कि राजस्थान के जयपुर के निवासी चतुर्वेदी द्वारा पंजाब विधानसभा सचिव के समक्ष दाखिल किए दो नामांकन पत्रों में उनके नाम प्रस्तावक के रूप में दिए थे। जिस पर उनके जाली हस्ताक्षर थे, सभी विधायकों ने नामांकन पर हस्ताक्षर करने या उसका समर्थन करने से साफ इंकार कर जालसाजी का आरोप लगाया था।

वहीं, पंजाब पुलिस के एक प्रवक्ता ने कहा, संवैधानिक प्राधिकारी के समक्ष प्रस्तुत जाली दस्तावेज़ जालसाजी, धोखाधड़ी और आपराधिक षडयंत्र से जुड़ा एक गंभीर अपराध है। शिकायतकर्ता विधायकों के निर्वाचन क्षेत्रों के विभिन्न पुलिस थानों में चतुर्वेदी और अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई हैं।

यहां काबिलेजिक्र है कि 24 अक्टूबर को होने वाला राज्यसभा उप-चुनाव आप के रास सांसद संजीव अरोड़ा के इस्तीफे से खाली सीट भरने के लिए हो रहा है। जिन्होंने राज्य विधानसभा के लिए चुने जाने के बाद सांसद पद से इस्तीफा दे दिया था। 117 सदस्यीय पंजाब विधानसभा में 93 सदस्यों वाली सत्तारूढ़ आप ने उद्योगपति राजिंदर गुप्ता को मैदान में उतारा है, जिन्होंने 10 अक्टूबर को अपना नामांकन पत्र दाखिल किया था।

6 अक्टूबर को, चतुर्वेदी ने पहली बार निर्दलीय के रूप में अपना नामांकन पत्र दाखिल किया और 10 आप विधायकों के समर्थन का दावा किया। विधायकों ने सोमवार को डीजीपी गौरव यादव और राज्यसभा उप-चुनाव के रिटर्निंग ऑफिसर राम लोक खटाना के पास शिकायत दर्ज कराई कि उन्होंने चतुर्वेदी की उम्मीदवारी का समर्थन नहीं किया है। इसके बाद, चतुर्वेदी ने एक और नामांकन पत्र दाखिल किया, जिसका इस बार कथित तौर 10 आप विधायकों के एक अलग समूह ने समर्थन किया। इस बार, समर्थन पत्र पर उनके हस्ताक्षर भी हैं। 6 अक्टूबर के नामांकन पत्र ने आप के भीतर खलबली मचा दी, जब विधायकों को पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अमन अरोड़ा और राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को यह स्पष्ट करना पड़ा कि उन्होंने चतुर्वेदी की उम्मीदवारी का समर्थन नहीं किया है।

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