जीरकपुर,
बरसात ने एक बार फिर शहर की कमजोर व्यवस्थाओं को उजागर कर दिया है। सुखना चो में आए तेज बहाव ने बिशनपुरा डंपिंग ग्राउंड की सीमेंटेड बाउंड्री वॉल को तोड़ दिया, जिसके चलते ढेरों टन कचरा सीधे घग्गर नदी में बह गया। नतीजतन, नदी का पानी और अधिक प्रदूषित हो गया है और आसपास के इलाकों के लोगों के लिए गंभीर स्वास्थ्य खतरा खड़ा हो गया है।
चेतावनी के बावजूद लापरवाही
स्थानीय निवासियों और सामाजिक संगठनों ने पहले ही नगर परिषद को चेताया था कि डंपिंग ग्राउंड की दीवार कमजोर है और बरसात में गिर सकती है। लेकिन विभाग ने इस पर ध्यान नहीं दिया। लोगों का आरोप है कि नगर परिषद केवल आश्वासन देती है, मगर समय पर काम नहीं करती।
दोहराई गई गलती
यह पहली बार नहीं है। पिछले साल भी बरसात में इसी तरह दीवार टूटी थी और कचरा बाहर बहा था। तब भी कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए थे।
पर्यावरण और स्वास्थ्य पर खतरा
पर्यावरण विशेषज्ञों के अनुसार, डंपिंग ग्राउंड का कचरा सीधे नदी में बहना बेहद खतरनाक है। इसमें प्लास्टिक, मेडिकल वेस्ट और जहरीले तत्व शामिल होते हैं, जो न केवल नदी के पारिस्थितिकी तंत्र को नुकसान पहुंचाते हैं, बल्कि भूजल और आसपास के गांवों के लोगों की सेहत पर भी बुरा असर डाल सकते हैं।
प्रशासन का दावा
इस मामले पर नगर परिषद जीरकपुर के एमई चरणपाल सिंह ने कहा कि टीम जल्द ही मौके का निरीक्षण करेगी और टूटी हुई बाउंड्री वॉल को दुरुस्त किया जाएगा। फिलहाल प्राथमिकता नदी में कचरे के और बहाव को रोकना है। इसके लिए अस्थायी उपाय किए जा रहे हैं और जल्द ही स्थायी समाधान पर भी काम शुरू किया जाएगा।