कर दिया ऐलान, हमें हरियाणा में मिला दो, पंजाब सरकार ने हमें बाढ़ ने नहीं बचाया, हरियाणा में बेहतर इंतजाम
चंडीगढ़, 7 सितंबर। अब बाढ़ से बेहाल लोगों का रोष फूटने लगा है। मानसूनी कहर के बीच घग्गर ने हरियाणा और पंजाब के कई गांवों की चिंता बढ़ा दी। खासकर कैथल में घग्गर का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर था। हरियाणा के गुहला-चीका क्षेत्र के कई गांव घग्गर पार पंजाब की तरफ हैं।
गांववालों के मुताबिक हरियाणा सरकार ने इन गांवों में घग्गर का पानी आने से रोकने के लिए गांव टटियाणा के पास करीब दो किमी तक पत्थर के जाल लगाकर बांध मजबूत किए। जबकि पंजाब सरकार की ओर से ऐसे इंतजाम नहीं किए गए। इससे बेहाल पंजाब के धर्महेड़ी, थेह ब्राह्मणा, हरिपुर, शशि गुजरान गांवों के लोगों अपने गांव हरियाणा में शामिल करने की मांग कर डाली। पानी हरियाणा के गांवों के खेतों में भी पहुंचा, लेकिन यह अभी करीब एक फीट के आसपास ही है। जबकि सटे पंजाब के पटियाला जिले के गांवों में दो से ढाई फीट तक है। इन गांवों लोगों को कहना है कि करीब 13 वर्ष पहले हरियाणा की सरकार ने गांव टटियाणा में हरियाणा-पंजाब के बॉर्डर पर घग्गर के दोनों तरफ पत्थर लगाकर तटबंधों को मजबूत कर दिया था। ताकि घग्गर के टूटने से किसी प्रकार की दिक्कतें ना झेलनी पड़ें। मगर, पंजाब की सरकारों की ओर से ऐसा कोई कदम नहीं उठाया।
गांव हरिपुर की बुजुर्ग कुलवंत कौर ने कहा कि पिछली बार जब 2023 में बाढ़ आई तो उनके घरों में चार-चार फीट तक पानी जमा हो गया था। इस बार भी उनको डर सता रहा है। गांव शशि गुजरां के रहने वाले बिंद्र ने बताया कि उनके गांव में घग्गर के ओवरफ्लो होने से काफी नुकसान हुआ है। गांव धर्महेड़ी के पूर्व सरपंच प्रतिनिधि सोनू ने कहा कि वे हरियाणा सरकार की प्रशंसा करते हैं कि उसने अपने क्षेत्र में लोगों को बाढ़ से बचाने के लिए पत्थर लगा दिए। यही नहीं, पंजाब की ओर भी घग्गर के पुल पर पत्थर लगा दिए, ताकि घग्गर दोनों तरफ से ना टूटे और आबादी बची रहे।