जर्मनी गए हैं सूबे के शिक्षा मंत्री बैंस, वहां के फुटबॉल बोर्ड से इस मुहिम की कामयाब के लिए करेंगे करार
चंडीगढ़ 15 जुलाई। कभी पंजाब के स्कूलों-कालेजों में ही नेशनल लेवल के खिलाड़ी बड़ी तादाद में तैयार होते थे। तब यही खिलाड़ी देश-दुनिया में सूबे का नाम रोशन करते थे। लुधियाना में ही जीएचजी खालसा कॉलेज गुरुसर सुधार की फुटबाल और हॉकी की टीमें इंटर-यूनिवर्सिटी मुकाबलों में चैंपियन बनती थीं। सरकारी उपेक्षा के चलते पंजाब हॉकी से ज्यादा फुटबाल के मामले में पिछड़ता गया। अब पंजाब की आप सरकार फुटबॉल के खेल को स्कूल स्तर से ही बढ़ावा देने की मुहिम शुरु करेगी।
इसके लिए सूबे की सरकार आने वाले दिनों में जर्मनी के आधिकारिक फुटबॉल बोर्ड (डीएफबी) के साथ करार करने की तैयारी में है। इसी मंशा से राज्य के शिक्षा मंत्री हरजोत बैंस जर्मनी गए हैं। जहां वह कुछ दिन रुककर सभी स्थितियों का जायजा लेंगे। इसके बाद आगे की रणनीति बनाई जाएगी। उन्होंने खुद अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट कर यह खुलासा किया है।
उन्होंने पोस्ट में लिखा है कि मैं तीन दिनों तक जर्मनी में रहूंगा। हमारे पंजाब के स्कूलों में फुटबॉल को बढ़ावा देने के लिए मैं डीएफबी के साथ साझेदारी करने के लिए उत्सुक हूं। साथ ही पंजाब में कौशल बढ़ाने के अवसरों का पता लगाने के लिए जर्मनी के तकनीकी विश्वविद्यालयों का भी दौरा करूंगा। शिक्षा मंत्री ने जोर देकर कहा कि पंजाब सरकार का ध्यान अब खेलों पर है। पिछले साल के अंत में खेल नीति जारी की गई थी। इसमें खिलाड़ियों को कई सुविधाएं देने का वादा किया गया था।
खुलेंगी 250 खेल नर्सरी : शिक्षा मंत्री बैंस के मुताबिक अब सरकार पंजाब भर में 250 खेल नर्सरियां खोलने जा रही है। इसके लिए रखे जाने वाले कोच के फिजिकल फिटनेस ट्रायल चल रहे हैं। उम्मीद है कि इस महीने के अंत तक खेल नर्सरी भी शुरू हो जाएंगी। सरकार को उम्मीद है कि इससे नशे की लत में फंसे युवाओं का ध्यान खेलों की ओर जाएगा। याद रहे कि इससे पहले पंजाब के स्कूलों के प्रिंसिपलों को सिंगापुर से ट्रेनिंग दिलाई गई थी। अब अगर जर्मनी के साथ फुटबाल के मामले में करार हो जाता है तो यह सूबे के खिलाड़ियों के लिए बड़ी उपलब्धि साबित हो सकती है।
————