पंजाब के एजी गुरमिंदर सिंह गैरी ने दिया इस्तीफा, पंजाब सरकार की कार्यशैली पर विपक्ष ने सवाल उठाने शुरु किए

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आप सरकार के तीन साल के कार्यकाल में पहले दो एजी छोड़ चुके पद, बीते दिनों कई बड़े अफसर बदल डाले

चंडीगढ़ 30 मार्च। पंजाब के एडवोकेट जनरल यानि एजी गुरमिंदर सिंह गैरी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। जानकारी के अनुसार उनका कार्यकाल 31 मार्च तक ही था। इसी कारण उन्होंने समय सीमा समाप्त होने से पहले उन्होंने अपना त्यागपत्र राज्य सरकार को सौंप दिया।

बताते हैं कि अब मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा एजी गैरी का इस्तीफा स्वीकार कर  राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया के पास भेजने की प्रक्रिया पूरी होगी। संभावना है कि एक अप्रैल तक नए एडवोकेट जनरल की घोषणा हो जाएगी। यहां काबिलेजिक्र है कि एजी गैरी से पहले अनमोल रतन और विनोद घई जैसे वरिष्ठ अधिवक्ता भी एडवोकेट जनरल पद से इस्तीफा दे चुके हैं। बार-बार एजी बदलने की वजह से विपक्ष ने राज्य सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं। सियासी जानकारों की नजर में बार-बार प्रशासनिक  बदलाव कई पहलू से चर्चाओं में हैं। मसलन, आप सरकार ने बीते दिनों में एकाएक दो विजिलेंस प्रमुख बदले। इसी तरह, सबसे अहम जिले लुधियाना में डिप्टी कमिश्नर और पुलिस कमिश्नर को बदल दिया। ऐसे ही ऊपरी स्तर पर प्रशासन में कई बदलाव हुए। इनमें से कई अफसरों को नई जगह चार्ज तक नहीं दिए गए।

दूसरी तरफ माना जा रहा है कि अब सूबे की आप सरकार पर दबाव बढ़ गया है कि वह जल्द नए एडवोकेट जनरल की नियुक्ति करे। कयास लगाए जा रहे हैं कि राज्य सरकार मंगलवार तक नए नाम की घोषणा कर सकती है। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या इस बार सरकार किसी स्थायी नाम को इस पद के लिए चुनती है या फिर बार-बार बदलाव का सिलसिला जारी रहेगा। कुल मिलाकर प्रशानिक अधिकारियों को बदलने से मची सियासी-हलचल के बीच विपक्ष इस मुद्दे पर राज्य सरकार को घेर सकता है।

सरकार पर लोग खड़े कर रहे सवाल : आशु
पंजाब में आप सरकार की कार्यशैली पर जनता सवाल खड़े कर रहे हैं। प्रशासनिक स्तर पर फेरबदल के मुद्दे पर वरिष्ठ कांग्रेसी नेता व सूबे के पूर्व भारत भूषण आशु ने यह प्रतिक्रिया जताई।

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