विजिलेंस ब्यूरो ने आय से अधिक संपत्ति मामले में चार्जशीट दाखिल की, पहले एनडीपीएस मामले में फंसे थे मजीठिया
चंडीगढ़, 23 अगस्त। कभी पंजाब में अकाली सरकार में सीएम और डिप्टी सीएम के बाद सबसे पावरफुल तत्कालीन कैबिनेट मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया रहे। अब बदले सियासी-दौर में उनकी गिरफ़्तारी से बाजी पलटी नजर आ रही है। मजीठिया एक बार फिर कड़े कानूनी जांच के घेरे में हैं।
गौरतलब है कि इस बार आय से अधिक संपत्ति के एक बड़े मामले में पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने मोहाली की अदालत में मजीठिया के ख़िलाफ़ 40,000 पन्नों का चौंका देने वाला आरोपपत्र दायर किया। जो महीनों से चल रही जांच में एक महत्वपूर्ण मोड़ है। यह नया मामला कथित भ्रष्टाचार और आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति अर्जित करने पर केंद्रित है। जो कथित तौर पर पिछली अकाली सरकारों में मजीठिया के मंत्री रहने के दौरान अर्जित की गई थी। पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश में छापेमारी सहित व्यापक जांच के बाद तैयार किए आरोपपत्र में आय में 1,200% की वृद्धि का हवाला है। जांचकर्ताओं का दावा है कि यह कमाई मजीठिया की अधिकारिक आय से असमानुपातिक है।
अभियोजन पक्ष के वकील के अनुसार, इस मामले को कई बातों से बल मिला। मसलन, 200 से ज़्यादा लोगों की गवाही, 400 से ज़्यादा बैंक खातों का पता चला। साथ ही बेनामी संपत्तियों, लग्ज़री गाड़ियाों और अवैध तरीकों से खरीदी अचल संपत्तियों का खुलासा हुआ। कई बैंक खाते और संपत्तियां ड्राइवरों और निचले स्तर के सहयोगियों के नाम पर थीं, जो इनसे अनजान थे। चार सीलबंद डिब्बों में एक मिनी ट्रक से अदालत में लाए आरोपपत्र, विजिलेंस ब्यूरो द्वारा प्राप्त वित्तीय रिकॉर्ड और बयानों की तादाद दर्शाते हैं। जाँचकर्ताओं के मुताबिक ये बैंक रिकॉर्ड आरोपपत्र का बड़ा हिस्सा हैं।
यहां गौरतलब है कि मजीठिया को इसी साल 25 जून को अमृतसर स्थित उनके आवास से गिरफ्तार किया गया था। वह पटियाला के पास नई नाभा जेल में बंद हैं। मोहाली अदालत ने 18 अगस्त को उनकी ज़मानत याचिका खारिज कर दी थी और उनकी न्यायिक हिरासत 28 अगस्त तक बढ़ा दी गई थी। उनकी कानूनी टीम ने अभी तक विस्तृत आरोपपत्र की पूरी समीक्षा होने तक कोई टिप्पणी से इंकार किया। यह पहली बार नहीं है जब मजीठिया कानूनी पचड़े में पड़े हैं। 2021 में, पंजाब पुलिस उन पर एनडीपीएस का मामला दर्ज किया था। उन्हें 2021 के अंत में गिरफ्तार किया गया था और करीब पांच महीने पटियाला जेल में रहे थे। अगस्त 2022 में, उन्हें पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय से ज़मानत मिल गई, लेकिन मामला अभी भी कानूनी समीक्षा के अधीन है।
राजनीतिक परिणाम और जनता की प्रतिक्रिया :
शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल के खास रिश्तेदार मजीठिया को लंबे समय से पंजाब में एक महत्वपूर्ण राजनीतिक खिलाड़ी के रूप में देखा जाता रहा है। ताज़ा आरोपों से शिअद की सार्वजनिक छवि को और नुकसान पहुंचने का ख़तरा है। खासकर ऐसे समय में जब पार्टी हाल ही में चुनावी झटकों के बाद अपना जनाधार फिर से बनाने की कोशिश कर रही है। इस मुद्दे पर पंजाब की सत्ताधारी आम आदमी पार्टी, प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस, बीजेपी से मिली-जुली प्रतिक्रियाएं लगातार सामने आई हैं।
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