अगर प्रस्तावित पर कर अधिसूचना हो गई जारी तो पुराने शहरों में पैदा होगी चुनौती
चंडीगढ़, 31 जुलाई। मौजूदा बुनियादी ढांचे और नागरिक सुविधाओं पर बोझ डालने वाला एक कदम हरियाणा की तर्ज पर पंजाब भी उठा सकता है। जिसके तहतलाइसेंस प्राप्त कॉलोनियों और सैक्टरों में आवासीय भूखंडों पर स्टिल्ट-प्लस-चार मंजिलों के निर्माण की अनुमति देने का प्रस्ताव रखा है।
जानकारी के मुताबिक स्टिल्ट पार्किंग के अलावा चार मंजिलों की अनुमति देकर, आवास एवं शहरी विकास विभाग ने ‘पंजाब एकीकृत भवन नियम, 2025’ के मसौदे में इमारतों की ऊंचाई 17.5 मीटर तक बढ़ाने की अनुमति दी है। यह छूट इस शर्त के साथ आएगी कि भूखंड 12 मीटर या उससे अधिक चौड़ी सड़कों पर हो। राजस्व बढ़ाने व नियम उपयोगकर्ता के अनुकूल बनाने के उद्देश्य से सरकार ने अतिरिक्त भूमि कवरेज का प्रस्ताव रखा है। जिसे संबंधित क्षेत्रों में कलेक्टर दरों के अनुसार खरीदा जा सकेगा।
इस विकल्प पर विचार के बाद अधिसूचित होने पर, एकीकृत नियम शहरी आवास विभाग और स्थानीय निकाय विभाग द्वारा शासित शहरी क्षेत्रों में लागू होंगे। सरकारी सूत्रों के मुताबिक अतिरिक्त मंजिलों की अनुमति देने की छूट से पुराने शहरों-भीड़भाड़ वाले इलाकों, खासकर पार्किंग-सीवरेज समस्या से जूझ रहे इलाकों में अराजकता फैलनी तय है। मोहाली, लुधियाना, जालंधर और अमृतसर जैसे शहरों के पुराने शहरी इलाकों में, नागरिक सुविधाएं अतिरिक्त जनसंख्या से नहीं हैं। नियमों में ढील देते समय बुनियादी ढांचा क्षमता ऑडिट करना ज़्यादा व्यावहारिक होगा। अध्ययन क्षेत्र-विशिष्ट होना चाहिए, जिसमें पुराने और नए क्षेत्रों के बीच अंतर हो। एक और मुद्दा जो चिंता का विषय है, वह हैसमान पार्किंग स्थान के 50 प्रतिशत को खरीदने की अनुमति देने का प्रस्ताव है।
इसका मतलब है कि कोई भी संपत्ति मालिक, जो वाहनों की पार्किंग के लिए अनिवार्य क्षेत्र के 50 प्रतिशत हिस्से का व्यावसायिक उपयोग करना चाहता है, वह शुल्क देकर उसे खरीद सकता है। वरिष्ठ नगर योजनाकार और पूडा के पूर्व सलाहकार जीत कुमार गुप्ता के मुताबिक जब तक ऐसे क्षेत्रों में सामुदायिक पार्किंग सुनिश्चित नहीं की जाती, इससे पार्किंग की अव्यवस्था पैदा होगी। वे ऐसी पार्किंग जगह बेच रहे हैं, जो कभी बिक्री योग्य नहीं होनी चाहिए।
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