



बांधों से छोड़े पानी से नदियां ओवरफ्लो, पुलों के साथ सड़कें टूटने लगीं, शहरी इलाकों में भी दफ्तरों-घरों में घुसा पानी

चंडीगढ़, लुधियाना,, 29 अगस्त। पहाड़ों में लगातार भारी बारिश के चलते खतरे के निशान तक पहुंचे बांधों के गेट खोलने से तबाही मची है। पंजाब के कई जिलों के गांवों में गांवों में बाढ़ आ गई है। फसलें बर्बाद हो चुकी हैं और कस्बों ही नहीं शहरों में भी दफ्तरों, दुकानों और मकानों में बरसाती पानी भरने से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। हरियाणा के भी कई इलाकों में लगातार बाढ़ का खतरा बढ़ रहा है।
पंजाब 1988 के बाद सबसे भीषण बाढ़ का सामना कर रहा है। हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में भारी बारिश के से सतलुज, ब्यास और रावी नदियां उफान पर हैं, जिससे बड़े पैमाने पर खेतों में खड़ी फसलें डूब चुकी है और सैकड़ों गांव बाढ़ की चपेट में हैं। सबसे ज़्यादा प्रभावित ज़िले पठानकोट, गुरदासपुर, फ़ाज़िल्का, कपूरथला, तरनतारन, फिरोज़पुर, होशियारपुर, अमृतसर और पटियाला हैं। यहां तमाम निचले गांव जलमग्न हैं, तमाम परिवार विस्थापित हो गए, संपत्ति और फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है।
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने सभी ज़िलों के प्रशासन को बचाव और राहत अभियान तेज़ करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने हालात की समीक्षा को चंडीगढ़ में उच्च-स्तरीय बैठक भी बुलाई। राज्य भर में लगभग 500 गांव बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हैं। माधोपुर हैडवर्क्स से उफनती रावी नदी के पानी में दो लोगों की मौत हो गई और एक चार्जमैन बह गया। सैकड़ों जानवर बह गए हैं, रावी और ब्यास दोनों नदियों के तटबंधों में दरारें पड़ने की खबरें हैं। बाढ़ के कारण लगभग 2.90 लाख एकड़ भूमि पर खड़ी फसलें नष्ट हो गई। मुख्यतः तीन सीमावर्ती जिलों के अलावा होशियारपुर, कपूरथला, तरनतारन, फिरोजपुर और फाजिल्का में 26,020 एकड़ फसलें जलमग्न हैं।
बाढ़ प्रभावित इलाकों से लगभग 5,500 लोगों को निकाला गया है। फिरोजपुर में, जल संसाधन मंत्री बरिंदर गोयल ने कहा कि एक दर्जन से अधिक बाढ़ राहत शिविर स्थापित किए गए हैं और 2,000 लोगों को बचाया गया। गुरदासपुर में 2,000 लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। जबकि अमृतसर में 710 और कपूरथला में 480 लोगों को निकाला गया। तरनतारन में, परिवहन मंत्री लालजीत भुल्लर ने फंसे हुए लोगों को निकालने के लिए मोटरबोट के ज़रिए बचाव कार्यों का निरीक्षण किया। राजपुरा में, बाढ़ नियंत्रण कक्ष सक्रिय कर दिया गया है। सहायता की ज़रूरत वाले निवासी 01762-224132 पर अधिकारियों से संपर्क कर सकते हैं। पटियाला ज़िले में भी प्रशासन ने एहतियाती कदम उठाए हैं। पटियाला ज़िला नियंत्रण कक्ष चालू है और 0175-2350550 और 0175-2358550 पर संपर्क किया जा सकता है।
सेना, वायु सेना, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल और बीएसएफ के जवान गुरदासपुर, पठानकोट, डेरा बाबा नानक, अजनाला, रामदास, सुल्तानपुर लोधी, फिरोजपुर और फाजिल्का जैसे गंभीर रूप से प्रभावित क्षेत्रों में बचाव और राहत कार्यों में राज्य की मदद कर रहे हैं। खालसा एड और बाबा सुक्खा सिंह के कार सेवा संप्रदाय जैसे कई गैर-सरकारी संगठन और धार्मिक डेरे न केवल नदी के तटबंधों और उन पर बने बांधों को मजबूत करने व लोगों को मुसीबत से निकालने में मदद कर रहे हैं।
अंबाला में टांगरी नदी ओवरफ्लो, रिहायशी इलाकों में भरा पानी, लोग छतों पर, पंचकूला में बह गया पुल :
भारी बारिश से अंबाला में टांगरी नदी ओवरफ्लो है। इसका पानी अंबाला कैंट के शहरी इलाके में घुस गया। लोग यहां से सामान लेकर ऊंचे क्षेत्रों की तरफ जा रहे हैं। इससे पहले ही टांगरी के किनारे चल रहे स्कूल में छुट्टी करा दी गई थी। पुलिस लोगों को टांगरी नदी के किनारे से सुरक्षित इलाकों में जाने की अनाउंसमेंट की। पंचकूला में रात हुई बारिश से टांगरी नदी पर बने पुल के बीच का हिस्सा बह गया। एहतियातन वहां बैरिकेडिंग कर आवाजाही पर रोक लगा दी गई। इसके अलावा मोरनी हिल्स इलाके में कई जगह लैंडस्लाइड होने से सड़कें बंद हो गईं। मोरनी हिल्स का पंचकूला शहर से संपर्क कट गया। यमुनानगर में छछरौली के रायपुर गांव की राजकीय प्राथमिक पाठशाला में पानी भर गया। सुबह बच्चे स्कूल आए तो उन्हें उसी वक्त स्कूल में छुट्टी कर घर भेज दिया गया।