चंडीगढ़, 20 सितंबर:
युवाओं में पढ़ने की संस्कृति को बढ़ावा देने और उन्हें राज्य के सामाजिक-आर्थिक विकास में सक्रिय रूप से शामिल करने के लिए मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान द्वारा शुरू की गई दूरदर्शी ग्रामीण पुस्तकालय योजना के तहत पंजाब ने एक नया मुकाम हासिल किया है। इस पहल के साथ, पंजाब के ग्रामीण क्षेत्रों में आधुनिक, पूर्णतः कार्यात्मक पुस्तकालयों की संख्या 275 तक पहुँच गई है, जबकि उन्नत सुविधाओं से सुसज्जित 58 और पुस्तकालयों पर काम चल रहा है।
ग्रामीण विकास एवं पंचायत मंत्री तरुणप्रीत सिंह सोंद ने बताया कि इस योजना का उद्घाटन मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने 15 अगस्त, 2024 को गाँव ईसरू (खन्ना) में किया था, जहाँ उन्होंने राज्य के पहले ग्रामीण पुस्तकालय का उद्घाटन किया और स्कूली बच्चों से बातचीत की। मंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री का लक्ष्य इन ग्रामीण पुस्तकालयों को पंजाब के लिए “ज्ञान, विकास और समृद्धि का केंद्र” बनाना है। राज्य सरकार का उद्देश्य ग्रामीण युवाओं में पढ़ने की आदत को बढ़ावा देना और उन्हें भविष्य में अधिकारी, वैज्ञानिक, डॉक्टर और तकनीकी विशेषज्ञ बनने के लिए प्रेरित करना है।
जिलावार विवरण देते हुए सोंड ने बताया कि अमृतसर में 4 कार्यशील पुस्तकालय हैं, बठिंडा में 29, बरनाला में 9, जिनमें से 2 निर्माणाधीन हैं, फतेहगढ़ साहिब में 11, जिनमें से 2 निर्माणाधीन हैं, फरीदकोट में 10, जिनमें से 2 निर्माणाधीन हैं, फाजिल्का में 21, फिरोजपुर में 15, जिनमें से 9 निर्माणाधीन हैं, तथा होशियारपुर में 6, जिनमें से 9 और निर्माणाधीन हैं।
इसी तरह, लुधियाना में 30 चालू हैं और 11 प्रगति पर हैं, मानसा में 17 चालू हैं और 1 प्रगति पर है, मलेरकोटला में 11 चालू हैं, श्री मुक्तसर साहिब में 6 प्रगति पर हैं, मोगा में 14, पटियाला में 28 जिनमें 2 प्रगति पर हैं, रूपनगर में 12, शहीद भगत सिंह नगर में 6 और साहिबज़ादा अजीत सिंह नगर में 12 प्रगति पर हैं।
मंत्री ने आगे बताया कि संगरूर में सबसे अधिक 31 पुस्तकालय कार्यरत हैं, तथा 2 और निर्माणाधीन हैं। तरनतारन में 11 और जालंधर में 2 पुस्तकालय कार्यरत हैं।
सुविधाओं पर प्रकाश डालते हुए, सोंड ने कहा कि ये पुस्तकालय वाई-फाई कनेक्टिविटी, सौर ऊर्जा, डिजिटल और एनालॉग संसाधनों और उच्च-गुणवत्ता वाले बुनियादी ढाँचे से सुसज्जित हैं। इनमें साहित्यिक कृतियाँ, विषय-विशिष्ट संदर्भ पुस्तकें और विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त शैक्षणिक प्रकाशन उपलब्ध हैं, जो छात्रों और पाठकों को एक अनुकूल शिक्षण वातावरण प्रदान करते हैं।
उन्होंने कहा कि ग्रामीण पुस्तकालय योजना ग्रामीण युवाओं को सशक्त बनाने तथा वैश्विक मानकों के अनुरूप ज्ञान और संसाधनों तक उनकी समान पहुंच सुनिश्चित करने की दिशा में एक परिवर्तनकारी कदम है।