पंजाब/यूटर्न/16 दिसंंबर: पंजाब की भगवंत मान सरकार प्रदेश के लोगों के हित के लिए काम करने के साथ-साथ राज्य में कानून व्यवस्था को भी बनाए हुए है। हाल ही में पंजाब जीएसटी विभाग ने फर्जी लेनदेन के सिलसिले में एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए लुधियाना में एक बड़े फर्जी बिलिंग घोटाले का पर्दाफाश किया है। इसमें पिछले 2 सालों में 163 करोड़ रुपये के धोखाधड़ी वाले लेनदेन शामिल हैं। इस घोटाले की सारी जानकारी पंजाब के वित्त, योजना, आबकारी और कराधान मंत्री एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा ने दी है।
1270 करोड़ रुपये का कारोबार
वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि जांच से पता चला है कि लुधियाना के बुड्डेवाल रोड स्थित मेसर्स मोंगा ब्रदर्स (यूनिट-2) फर्जी फर्मों का एक कॉम्पेक्स वेब चला रहा था। मेसर्स मोंगा ब्रदर्स फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट बनाते हुए सरकारी खजाने को चूना लगा रहा था। उन्होंने बताया कि मेसर्स मोंगा ब्रदर्स ने 60 फर्जी फर्मों से खरीदारी की थी। ये वो फर्जी फर्म है जिन्हें या तो निलंबित कर दिया गया था, या फिर रद्द कर दिया गया था। इन 60 फर्मों का कुल कारोबार लगभग 1270 करोड़ रुपये है।
गिरफतार करने का आदेश
वित्त मंत्री ने बताया कि पंजाब जीएसटी विभाग ने पंजाब जीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 67 के तहत मेसर्स मोंगा ब्रदर्स के व्यापारिक परिसर में निरीक्षण, तलाशी और जब्ती की। जांच के आधार पर, कराधान आयुक्त, पंजाब ने पंजाब जीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 69 और 132 के तहत मेसर्स मोंगा ब्रदर्स के साझेदारों को गिरफतार करने का आदेश दिया गया है। वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने व्यापारी समुदाय से विभाग के साथ सहयोग करने तथा बकाया कर अदा करने की अपील करते हुए कर चोरी करने वालों के खिलाफ कानून के अनुसार सखत कार्रवाई की चेतावनी दी है।
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