मौजूदा मामला है भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग पर केंद्रित
चंडीगढ़,
1 नवंबर। पंजाब में अकाली सरकार के दौरान कैबिनेट मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया पर कानूनी संकट बढ़ सकता है। पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने विजिलेंस ब्यूरो द्वारा दर्ज भ्रष्टाचार के एक मामले में मजीठिया के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है।
जानकारी के मुताबिक यह मंजूरी पंजाब मंत्रिमंडल द्वारा 8 सितंबर को की गई सिफारिश के बाद दी गई है। इस मामले में मजीठिया पर 700 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति रखने का आरोप है। जो उनकी घोषित आय से लगभग 1,200% अधिक है, जिसे कथित तौर पर 2013 के एक मादक पदार्थ तस्करी नेटवर्क से जुड़े 540 करोड़ रुपये के धनशोधन के माध्यम से अर्जित किया गया था।
मजीठा से तीन बार विधायक रहे मजीठिया के अमृतसर स्थित आवास और 25 अन्य ठिकानों पर इसी साल 25 जून को छापेमारी गई थी। उसके बाद उनको गिरफ्तार कर
लिया गया था। पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने कार्रवाई के दौरान डिजिटल उपकरण, संपत्ति के दस्तावेज और वित्तीय रिकॉर्ड जब्त किए थे। मोहाली की एक अदालत ने 26 जून को मजीठिया को सात दिनों की पुलिस हिरासत में भेजा था, जिसे चार दिनों और बढ़ाया था। फिर उन्हें 6 जुलाई को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था।
विजिलेंस ब्यूरो ने 22 अगस्त को एक विस्तृत आरोपपत्र दायर किया। जिसके समर्थन में 40,000 से ज़्यादा पन्नों के साक्ष्य और 200 से ज़्यादा गवाहों के बयान शामिल थे। यह जांच 2013 में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा पूर्व डीएसपी जगदीश सिंह भोला के नेतृत्व वाले 6,000 करोड़ रुपये के सिंथेटिक ड्रग रैकेट की जांच पर आधारित है। भोला ने कथित तौर पर पूछताछ के दौरान मजीठिया का नाम लिया था। हालांकि पहले अदालतों ने ड्रग से संबंधित आरोपों को हटा दिया था। मौजूदा मामला भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग पर केंद्रित है। मजीठिया ने आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताते हुए खारिज कर दिया। अगस्त में उनकी नियमित ज़मानत खारिज कर दी गई थी, हालांकि सितंबर में उन्हें हाईकोर्ट से अंतरिम राहत मिल गई थी। मुकदमा मोहाली की एक सेशन कोर्ट में चलेगा।
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