अकाली सरकार लाई थी स्कीम, कांग्रेस ने आगे बढ़ाई, आप सरकार के दौरान पड़ा पंगा
लुधियाना 11 अगस्त। पंजाब सरकार की और से पूरे राज्य में लाई गई लैंड पूलिंग पॉलिसी को रद्द कर दिया है। इस संबंधी एक प्रैस नोट सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जो कि पंजाब सरकार के हाउसिंग और अर्बन डेवलपमेंट के प्रिंसिपल सेक्रेटरी की तरफ से जारी किया गया बताया जा रहा है। जिसमें लिखा गया है कि सरकार द्वारा लैंड पूलिंग स्कीम को वापिस ले लिया गया। यहां तक इस स्कीम में पिछले तीन महीने में किए गए सभी संशोधन भी रद्द कर दिए गए हैं। बता दें कि लैंड पूलिंग स्कीम का पूरे पंजाब में लगातार विरोध हो रहा था। जहां राजनीतिक पार्टियों द्वारा इस स्कीम को लेकर प्रदर्शन किए जा रहे थे, वहीं अब किसान भी सड़कों पर आ गए थे। कहा जा रहा है कि शायद इसी लिए सरकार बैकफुट पर आई है। हालांकि अभी यह पॉलिसी वापिस लेने की बात सामने आई है। इसमें और क्या क्या आदेश वापिस लिए जाएंगे, इसकी अभी सरकारी द्वारा विस्तार से जानकारी जल्द दी जा सकती है। फिलहाल इस पॉलिसी के तहत जारी लेटर ऑफ इंटेंट (एलओआई), रजिस्ट्रेशन और किसी तरह के अन्य कार्य वापस लिए गए हैं।
हाईकोर्ट ने पहले ही लगा दी थी रोक
इस लैंड पूलिंग पॉलिसी संबंधी हाईकोर्ट में याचिका भी दायर की गई थी। याचिकाकर्ता के वकील चरनपाल सिंह बागड़ी के अनुसार सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने पॉलिसी पर रोक लगा दी है। यह रोक सरकार के जवाब देने तक जारी रहेगी। वहीं अदालत द्वारा पंजाब सरकार को 4 हफ्ते में जवाब दाखिल करने के लिए कहा गया था। लेकिन उससे पहले ही सरकार ने इस पर रोक लगा दी।
घिरने पर सरकार आई बैकफुट पर
विपक्षी पार्टियों और किसानों द्वारा लगातार इस स्कीम को लेकर विरोध किया जा रहा था। जिसके चलते सरकार लगातार घिरती हुई नजर आ रही थी। उनका कहना था कि सरकार जमीनों को जबरनत एक्वायर करना चाहती है। चर्चा है कि सीएम भगवंत मान द्वारा भी इस पॉलिसी पर हस्ताक्षर नहीं किए थे। खुद को फंसते हुए देख सरकार बैकफुट पर आ गई। जिसके चलते पहले कोर्ट ने इस पर रोक लगाई और फिर सरकार ने खुद ही इसे कैंसिल कर दिया।
सीएम ने खुद लोगों से लिया था फीडबैक
सीएम भगवंत मान 2 दिनों से अपने विधानसभा हलके के दौरे पर थे। इस दौरान उन्होंने खुद लोगों से पॉलिसी को लेकर फीडबैक लिया था। इसके बाद इस दिशा में यह कदम उठाया है। क्योंकि कुछ समय पहले सीएम के हलके में भी इसका विरोध हुआ था। जगह-जगह आम आदमी पार्टी के नेताओं की एंट्री रोकी जा रही थी।
शिअद लाई पॉलिसी, कांग्रेस ने आगे बढ़ाई, आप सरकार में हुआ विवाद
जानकारी के अनुसार पंजाब में लैंड पूलिंग पॉलिसी सबसे पहले 2011 में अकाली सरकार के कार्यकाल में लागू हुई थी। इसके बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार ने इसमें बदलाव कर आगे बढ़ाया। जिसके बाद आप सरकार के कार्यकाल में जून 2025 में पंजाब कैबिनेट ने इस पॉलिसी के नए संस्करण को मंजूरी दी। इस पॉलिसी के तहत प्रदेश के अलग-अलग इलाकों में जमीन अधिग्रहित कर इंडस्ट्रियल, कॉमर्शियल और रिहायशी सेक्टर विकसित किए जाने थे। लेकिन अब शिअद और कांग्रेस पार्टी, जिन्होंने इस पॉलिसी को शुरु कर आगे बढ़ाया, वे ही इसका विरोध करने में लगी थी।
अब क्या खसरा नंबरों से भी हटेगी रोक
जानकारी के अनुसार सरकार द्वारा इस पॉलिसी के दौरान काफी जमीन एक्वायर करनी थी। जिसके चलते उक्त जमीन में बन रही कॉलोनियों के खसरा नंबरों पर रोक लगा दी थी, ताकि रजिस्ट्रियां न हो सके। वे रोक अभी भी बरकरार है। जिस कारण लोगों की करोड़ों की प्रॉपर्टियों का नुकसान हो रहा है। अब देखना होगा कि सरकार कब इन खसरा नंबरों से रोक हटाएगी, ताकि लोग अपना कारोबार बिना रोकटोक कर सके।
यह पॉलिसी शुरुआत से ही इललीगल थी
बीजेपी के लीडर एडवोकेट बिक्रम सिंह सिद्धू ने कहा कि जब पंजाब सरकार पॉलिसी लेकर आई थी, तभी पता चल गया था कि यह इललीगल है। जिसके चलते इसका लगातार विरोध किया गया। इस संबंधी गवर्नर को भी बीजेपी नेताओं द्वारा मांगपत्र देकर रद्द करने की मांग की गई थी।
शिअद हमेश लोगों के हितों की रखवाली
शिअद नेता कमल चेतली ने कहा कि शिरोमणि अकाली दल की और से इस पॉलिसी के खिलाफ धरना लगाकर यह प्रमाणित कर दिया कि शिअद पंजाब के हकों की रखवाली वाली पार्टी है। अभी भी पंजाबियों को संभलने की जरुरत है।
सीएम मान व केजरीवाल को मांगनी चाहिए माफी
कांग्रेसी विधायक सुखपाल सिंह खैहरा ने कहा कि आप सरकार और अरविंद केजरीवाल एंड कंपनी जैसे उसके लालची नेताओं द्वारा तथाकथित लैंड पूलिंग नीति को एकतरफ़ा वापस लेना पंजाब की जनता, खासकर किसानों की जीत है, जिन्होंने इस नापाक नीति का पुरज़ोर विरोध किया था। अब केजरीवाल और सीएम भगवंत मान को भूमाफिया के साथ मिलकर पंजाब की कीमती 65 हज़ार एकड़ कृषि भूमि को लूटने की कोशिश के आरोप में माफ़ी मांगनी चाहिए।