पंजाब सरकार ने एचडीएफसी बैंक से तोड़ा रिश्ता, अब सभी सरकारी लेनदेन बंद

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नवीन गोगना

चंडीगढ़ 11 जून। पंजाब सरकार और एचडीएफसी बैंक के बीच बड़ा विवाद सामने आया है। राज्य सरकार ने एचडीएफसी बैंक को डी-एम्पैनल कर सभी सरकारी लेनदेन पर तत्काल रोक लगा दी है1। अब किसी भी सरकारी विभाग, निगम या पंचायत का खाता एचडीएफसी बैंक में नहीं रहेगा और न ही कोई नया ट्रांजेक्शन किया जाएगा। हाल ही में पंजाब सरकार ने सभी विभागों को खर्च के लिए फंड जारी किए थे। आर्थिक दबाव के चलते सरकार ने वही राशि वापस मंगवाने के निर्देश दिए। जिन विभागों के खाते एचडीएफसी बैंक में थे, वहां से पैसा समय पर सरकारी खजाने में नहीं पहुंच पाया। इससे कई जरूरी योजनाएं और प्रोजेक्ट फंस गए, जिससे सरकार को नुकसान हुआ।

मुख्य सचिव की बैठक के बाद बड़ा फैसला

5 जून को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह मामला सामने आया। बैठक में साफ कहा गया कि एचडीएफसी बैंक समय पर फंड ट्रांसफर नहीं कर पाया, जिससे वित्तीय अनुशासन में बड़ी चूक हुई। इसी के बाद बैंक को डी-एम्पैनल करने का आदेश जारी कर दिया गया। वित्त विभाग ने सभी सरकारी विभागों, पंचायतों, निगमों और विकास प्राधिकरणों को पत्र भेजकर साफ कर दिया है कि अब एचडीएफसी बैंक पर कोई सरकारी लेनदेन नहीं होगा। बैंक को विश्वसनीय न मानते हुए यह कदम उठाया गया है।

अब किन बैंकों में होंगे सरकारी ट्रांजेक्शन

सरकार ने नई सूची जारी की है, जिसमें एसबीआई, पंजाब नेशनल बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, एक्सिस बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, यूनियन बैंक, केनरा बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, यस बैंक जैसे कई बैंक शामिल हैं। अब सरकारी लेनदेन इन्हीं बैंकों के जरिए होंगे। पंजाब की आर्थिक स्थिति पहले से ही चुनौतीपूर्ण है। केंद्र सरकार ने राज्य की कर्ज सीमा में 16,000 करोड़ रुपये की कटौती कर दी थी, जिससे सरकार को खर्च कंट्रोल करने के लिए सख्त फैसले लेने पड़े। प्रशासन का कहना है कि छात्रों की सुरक्षा, पारदर्शिता और वित्तीय अनुशासन सबसे अहम है। बाकी बैंकों को भी साफ संदेश है कि अगर नियमों में लापरवाही हुई, तो सख्त कार्रवाई तय है।

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