पंजाब CM ने राहत कार्यों को लेकर की बैठक:बोले-45 दिनों में मिलेगा मुआवजा; न चैन से बैठूंगा न अधिकारियों को बैठने दूंगा

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12 सितम्बर- पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को 6 दिन बाद गुरुवार को अस्पताल से लौटे। उसके अगले ही दिन आज सीएम मान ने बाढ़ को लेकर प्रदेश के में किए जा रहे राहत कार्यों को लेकर सभी अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक की। बैठक में सीएम भगवंत मान ने कहा कि 16 अक्तूबर से धान की खरीद शुरू हो जाएगी। 45 दिनों में बाढ़ पीड़ितों को मुआवजा दे दिया जाएगा। सभी अधिकारियों को सख्त आदेश दिए है जहां-जहां पानी कम हो गया है, वहां की गिरदावरी करके जल्द रिपोर्ट दी जाए। ताकि किसानों को जल्द मुआवजा दिया जा सके। सीएम मान ने कहा कि मैं खुद किसान परिवार से हूं। हमारा खुद का खेत जब पानी में डूब जाता था, तब हमारे घर भी चूल्हा नहीं जलता था। मैं न तो खुद उतनी देर चैन से नहीं बैठूंगा, न अधिकारियों को बैठने दूंगा। जब तक किसानों को मुआवजा ना मिल जाए। फसल का नुकसान होने पर 20 हजार प्रति एकड़ मुआवजा दिया जाएगा। रिपोर्ट बनने के बाद भी हम 1 सप्ताह का समय देंगे, ताकि लोग बता सके कि क्या असल में उनकी जमीनों की गिरदावरी हुई है या उन लोगों की हुई है जिनकी पहुंच है। जिन घरों का नुकसान हुआ है उनके पैसे भी देंगे और पैसे बढ़ाएंगे भी जाएंगे। SDRF का कानून कहता है कि 6800 रुपए मुआवजा दिया जाए, लेकिन सरकार अपनी तरफ से फंड डालकर 40 हजार कम से कम मुआवजा देगी। जिनके पशु बह गए है जैसे गाय या भैंस उन्हें 37 हजार 500 रुपए का मुआवजा दिया जाएगा। बाकी पशुओं का नियमों मुताबिक बढ़ा कर सरकार देगी। ये समय कंजूसी करने का नहीं है। चाहे कोई मकान गिरा है या नहीं। मकान से पानी टपक रहा है फिर भी उस मकान को हम उसी खाते में डालेंगे। मान ने कहा कि पंजाब में बाढ़ और बारिश से अभी तक 55 मौत की पुष्टि हुई है। 42 मृतकों के परिवार वालों को पैसे मिल चुके है। दीवाली के आस-पास बड़ी संख्या में चेक बनाकर लोगों को देंगे। बहुत बड़ा संकट पंजाब ने झेला है। पंजाब को संकट झेलने आता है। लोग खुद ट्रालियों में राशन और राहत का सामान लेकर बाढ़ प्रभावित इलाकों में पहुंचे। उन्होंने कहा कि आज पंजाब ने पूरे देश को बता दिया है कि आपदा के साथ पंजाब को निपटना आता है। काफी सामाजिक, धार्मिक और कलाकारों की संस्थाओं ने लोगों की मदद की है। पंजाब की धरती की ये खासियत है कि हम बाहरी लोगों को भूखा नहीं रहने देते तो अपनों को कैसे भूखा देख सकते है। उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट आदेश है कि यदि किसी ने गलत फॉर्म भरा तो उसे बख्शा नहीं जाएगा। पंजाब का मुखिया होने के नाते मुझे दिल से दुख बहुत है लेकिन संतुष्टि भी है कि मैं अकेला नहीं हूं मेरे साथ पंजाब के बहुत से लोग साथ है। अस्पताल से भी मैं लाइव जायजा लेता रहा हूं। हमारे मंत्री लगातार मेरे टच में थे। प्रधानमंत्री से भी हमारे मंत्री मिले है। मान ने कहा कि मैं सख्त शब्दों में राजनीति करने वाले लोगों की निंदा करता हूं। अब कह रहे है बाढ़ भगवंत मान लाए है क्या मैं हिमाचल में पहाड़ तोड़ कर आया हूं। अब मेडिकल कैंप लगाए जाएंगे ताकि बीमारियां ना फैल सके। बाढ़ का पानी कम होने के बाद जानवरों के पिंजर मिलेंगे उन्हें कैसे निपटाना है उसे लेकर भी अब योजना बनाई है। जिसका खेत उसकी रेत को लेकर भी किसानों को स्पष्ट आदेश दिए हुए है कि वह खेतों से रेत निकाल सकते है। ड्रोन के जरिए दरियों की मैपिंग करवाई जा रही है और कमजोर बांधों को मजबूत किया जा रहा है। मान ने कहा कि हमें टीम बनाकर चलने की जरूरत है। इस समय राजनीति का समय नहीं है। पंजाब का मुख्यमंत्री नहीं अब पंजाब का दुखमंत्री बनकर मुझे काम करना होगा। पंजाब के दुख मेरे अपने दुख है। मैंने इस धरती का अनाज खाया है। जो कुछ भी हमारे पास है सब न्योछावर कर देंगे।
उन्होंने कहा कि अभी कुछ देर पहले मुख्यमंत्री भगवंत मान ने चंडीगढ़ में प्रेस कान्फ्रेंस की। प्रेस कान्फ्रेंस दौरान सीएम मान के साथ केएपी सिन्हा भी बैठे थे। सीएम कह रहे है कि हमारे पास 1500 करोड़ रुपए ही बोल रहे है। आपके मंत्री हरदीप सिंह मुंडिया खुद 12 हजार करोड़ रुपए कह रहे है तो मान ने केएपी सिन्हा से कहा कि आप समझाए। सिन्हा ने पत्रकारों से कहा कि जो पैसा आता है उसकी प्रत्येक एंट्री बैंक में आती है। यदि बैंक में जाकर कहे कि इक्कट्ठे 12 हजार करोड़ दे दें तो बैंक देगा नहीं लेकिन एंट्री बोलती है। बैंक में जो पैसा पड़ा है उस पर ब्याज भी पड़ता है। प्रधानमंत्री मोदी के समक्ष केएपी सिन्हा ने खुद समझाया कि 13 हजार 289 करोड़ रुपए की मांग है। लेकिन मुंडिया बोले कि हमें 20 हजार करोड़ की मांग है। क्या 13 हजार करोड़ और 20 हजार करोड़ में कोई फर्क नहीं है।

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