चंडीगढ/यूटर्न/26 जुलाई: पंजाब की भगवंत मान सरकार राज्य में कनून व्यवस्था को सुधारने की दिशा लगातार काम कर रही हैं। इसी सिलसिले में सरकार ने अवैध प्रवासन को रोकने और एनआरआई मामलों में बुनियादी सुविधाएं को सुनिश्चित करने के लिए केरल मॉडल को अपनाने का फैसला किया है। इस फैसले का ऐलान पंजाब के एनआरआई मामलों के मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने अपनी केरल यात्रा के दौरान किया है। उन्होंने इस दौरे के दौरान नोर्का विभाग की सफलता के बारे में स्टडी की। पंजाब मंत्री धालीवाल ने अवैध प्रवास को रोकते हुए कानूनी प्रवास को सुनिश्चित करने और श्रमिकों के सुरक्षा को लेकर केरल मॉडल की काफी तारीफ की। मंत्री धालीवाल ने कहा कि पंजाब भी इसी तरह की रणनीति अपनाते हुए अपने नागरिकों को अवैध प्रवास से बचाएगा और उनके कल्याण को सुनिश्चित करेगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार भी कोर्ना जैसी ही एक समर्पित एजेंसी स्थापित करेगी, ताकी पंजाबी एनआरआई को मदद दी जा सके और प्रवास को विनियमित किया जा सके।
पंजाब सरकार उठाएगी जरूरी कदम
मंत्री धालीवाल ने बताया कि यह एजेंसी पंजाब में अवैध प्रवास को रोकने के साथ साथ सुरक्षित कानूनी प्रवास को बढ़ावा देने, पंजाबी एनआरआईज़ को जरूरी सर्विस प्रदान करने और कौशल विकास के साथ रोजगार के अवसरों को बढ़ाने पर काम करेगी। कैबिनेट मंत्री ने आश्वासन दिया कि पंजाब सरकार अपने नागरिकों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। साथ ही अवैध प्रवास को रोकने के लिए सभी जरूरी कदम उठाएगी।
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केरल का नोर्का मॉडल अपनाएगा पंजाब, कैबिनेट मंत्री ने बताई खासियत
Kulwant Singh
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