विश्व-गुरु मोदी का जुदाई चिराग रगड़ने में नाकाम पंजाब भाजपा

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पार्टी हाईकमान ने पंजाब में नायाब सियासी-हीरे जाखड़ और बिट्‌टू भी सौंपे, उनकी इमेज को भी नहीं सके भाजपा के  प्रांतीय नेता

चंडीगढ़, 7 अक्टूबर। पंजाब भाजपा की हालत कुछ ऐसी है, जिस पर यह मिसाल ‘घर में नहीं धेल्ला, कर दी मेल्ला-मेल्ला’ एकदम सटीक साबित होती है। मसलन, विश्व गुरु कहलाो वाले वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जुदाई चिराग को भी पंजाब के भाजपा नेता रगड़ने में नाकाम रहे।

दूसरी तरफ, पार्टी हाईकमान ने कई दशक से कांग्रेस में रहे दिग्गज नेता सुनील जाखड़ को भाजपा से जोड़ा। इतना ही नहीं पंजाब को आतंकवाद के काले दौर से निजात दिलाने वाले भूतपूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के पोते व कांग्रेस के पूर्व लोकसभा सांसद रवनीत सिंह बिट्टू को भी एक बड़े चेहरे के तौर पर पार्टी में शामिल किया। यहां काबिलेजिक्र है कि यूं तो भाजपा के पुराने वरिष्ठ नेता और टकसाली कार्यकर्ता भी मोदी की तारीफ करते नहीं थकते। यह वही मोदी है, जिन्होंने दुनिया को अपनी दबंगई से परेशान करने अमेरिका को घुटने टिकवा दिए थे।

जानकारों की मानें तो मोदी की उपलब्धियां को भाजपा के पुराने नेता पंजाब की जनता के बीच नहीं पहुंचा सके। दूसरी तरफ, कई दशक पूर्व केंद्रीय मंत्री रहे बलराम जाखड़ के बेटे और अरसे से कांग्रेस से जुड़े सुनील जाखड़ ने एक लंबा वक्त कांग्रेस में बिताया था। उनको खास पहचान की वजह से पार्टी हाईकमान ने भाजपा में शामिल कर प्रदेश प्रधान का अहम पद सौंपा। हालांकि पार्टी सूत्र भी मानते हैं कि भाजपा के पुराने प्रांतीय नेता खुद जाखड़ के साथ बेहतर सियासी तालमेल नहीं रख पाए। एक दौर ऐसा भी आया, जब जाखड़ ने भाजपा से इस्तीफा देने का ऐलान भी कर था।

उधर, जाखड़ के बाद पार्टी में शामिल हुए पूर्व लोकसभा सांसद बिट्टू ने जब भाजपा से पिछला लोकसभा चुनाव लड़ा तो उन्होंने अपने मरहूम दादा बेअंत सिंह की तस्वीर अपने अपने चुनाव प्रचार के दौरान हाईलाइट की थी। हालांकि भाजपा के जिला नेतृत्व की ओर से जारी किए प्रचार के होर्डिंग और पंपलेट से स्वर्गीय बेअंत सिंह की तस्वीर गायब कर दी गई थी। जिसे लेकर सियासी जानकारों ही नहीं ,बीजेपी के कई नेताओं ने भी दबी जबान में रोष जताया था। इसके बावजूद बिट्टू ने चुनाव लड़ा और भाजपा के वोट ग्राफ में इजाफा भी कराया। वह लगातार लुधियान वेस्ट उपचुनाव के दौरान भी सक्रिय रहे। दूसरी बात बेबाकी और तेज तर्रार नेता होने के नाते बिट्टू लगातार आतंकवाद के मुद्दे पर और सत्ता के खिलाफ तीखे तरीके से आवाज उठाते हैं। जबकि भाजपा के पुराने नेता पंजाब में पार्टी के संगठन में बड़े पद लेने के बावजूद ऐसे मुद्दों पर कमोबेश रस्मी बयान जारी चुप्पी साथ लेते हैं।

जानकारी तो यहां तक कहते हैं कि अगर हालात ऐसे ही रहे तो बीजेपी पंजाब के अगले विधानसभा चुनाव में अपने मिशन-2027  को कामयाब नहीं कर पाएगी। जो एक तरह से सत्ताधारी आम आदमी पार्टी और प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस के लिए सियासी तौर पर बहुत फायदेमंद साबित होगा

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