लुधियाना 28 दिसंबर। साउथ सिटी रोड पर अवैध तरीके से बनी करीब 70 इमारतों के ग्लाडा द्वारा सीएलयू कैंसिल कर दिए गए हैं। इन आदेशों के बाद शनिवार को उक्त इमारत मालिकों में हड़बड़ाहट का माहौल रहा। वहीं पूरे शहर में यह मामला चर्चा का विषय बना रहा। वहीं इसी के साथ साथ साउथ सिटी रोड पर और बिल्डिंगों को ग्लाडा की तरफ से दिए गए सीएलयू अब सवालों के घेरे में आ गए हैं। इस कार्रवाई के बाद जनता को सबक लेने की जरुरत है। क्योंकि अधिकारियों की बातों में आकर वे पहले अवैध इमारतें तो बना लेते हैं, लेकिन फिर वह खुद ही फंस भी जाते है। जानकारी के अनुसार साउथ रोड पर जितने एससीओ बने हैं, उनकी तरफ से सीएलयू चार्ज देकर या रेगुलाइज करवाकर खुद को सेफ समझा जा रहा था। लेकिन अगर साउथ सिटी रोड पर नियमों के मुताबिक न बनी बिल्डिंगों पर सरकारी एजेंसी एक्शन ले सकती है, तो शहर में बनी अन्य अवैध इमारतों को जारी हुए सीएलयू पर भी एक्शन लेते हुए कैंसिल किया जा सकता है। चर्चा है कि विभाग द्वारा यह कार्रवाई करना एक तरह की चिंगारी है, जो जल्द पूरे शहर की अवैध इमारतों को अपनी चपेट में ले लेगी। बता दें कि एक लॉ के मुताबिक सरकार की तरफ से किसी भी नेशनल हाइवे या किसी अन्य जगह पर बनी अवैध इमारत का सीएलयू व रजिस्ट्रेशन कभी भी रद्द की जा सकती है।
राजनेताओं-अफसरों तक पहुंच करते दिखे बिल्डिंग मालिक
ग्लाडा द्वारा लिए गए एक्शन के बाद साउथ सिटी रोड पर बनी अवैध इमारतों के मालिक राजनेताओं और ग्लाडा अफसरों तक पहुंच करते दिखे। उनकी तरफ से कार्रवाई रोकने की कोशिशें की जा रही है। वहीं कुछ लोग तो लुधियाना सिटीजन काउंसिल के साथ सेटिंग की कोशिश करते रहे।
अवैध निर्माणों से परेशान शहरवासियों के लिए खुला रास्ता
लुधियाना सिटीजन काउंसिल की और से साउथ सिटी रोड पर बन रहे अवैध निर्माणों को लेकर हाईकोर्ट में पीआईएल दायर की गई थी। जिसके बाद हाईकोर्ट द्वारा सख्ती करने के बाद ग्लाडा द्वारा एक्शन लिया गया। इस एक्शन ने अवैध निर्माणों से परेशान बाकी शहरवासियों के लिए भी रास्ता खोल दिया है। सरकार की इस कार्रवाई के बाद शहर में ऐसा माहौल बन चुका है कि अगर कही गलत सीएलयू दिए गए हैं तो उसके खिलाफ अगर शिकायत हुई तो वे कैंसिल भी हो सकता है।
अफसरों के साथ सेटिंग नहीं आएगी काम
वहीं लैंड माफिया और बाहुबलियों की और से अफसरों के साथ सेटिंग करके पहले तो गलत सीएलयू ले लिए जाते हैं। लेकिन बाद में जब नियमों के तहत वह इमारतें गलत होने का पता चलता है तो उस पर एक्शन होता है। ऐसे में यह बात समझ आती है कि अफसरों के साथ भी सेटिंग किसी काम नहीं आ सकती। वहीं चर्चा है कि अफसरों द्वारा अपनी जेब गर्म करने के चक्कर में गलत सीएलयू पास कर दिए गए, अब कारोबारियों को दोषी बनाकर छोड़ दिया गया।