PSPCL द्वारा लगाए जाने वाले बिजली के खंभों में भी बड़े हेरफेर के संकेत

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अंधेरी से करीब आधा किलोमीटर दूर तक गिरे खंभे, 19 फीडरों की लाइट बंद, 5 दिन तक बिजली न आने की चर्चा, इंडस्ट्री का भारी नुकसान

लुधियाना 25 मई। नगर निगम और ग्लाडा के बाद अब पीएसपीसीएल में भी बड़ा हेरफेर होने की चर्चाएं सामने आई है। चर्चा है कि पावकॉम द्वारा लगाए जाने वाले खंभों में घटिया मटीरियल डालकर बेच दिया जा रहा है। जिसके चलते सड़कों पर लगे वे खंभे कभी भी गिर जाते हैं। ताजा मामला लुधियाना की कंगनवाल रोड स्थित चौकी कंगनवाल के नजदीक का सामने आया है। जहां पर शनिवार रात को आई तेज आंधी के कारण 1-2 नहीं बल्कि करीब आधा किलोमीटर की दूरी में लगे सभी बिजली के खंभे टूटकर गिर गए। इस दौरान करीब 20 खंभे टूटकर गिरे। खंभे गिरने के कारण सड़क पर खड़े टू-व्हीलर व फोर-व्हीलर बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए। जबकि कोई जानी नुकसान होने से बचाव हो गया। हैरानी की बात तो यह है कि इन खंभों में इतना सस्ता मटीरियल डाला जाता है कि तारों का भार भी नहीं सहन कर पा रहे हैं। जिससे चर्चा छिड़ गई है कि खंभे बनाने वाली कंपनियों द्वारा इसमें भी हेरफेर किया जा रहा है। जबकि पावरकॉम अधिकारी भी आंखें बंद करके इसकी खरीददारी करके इन्हें मोहल्लों में लगा रहे हैं। हालांकि इस घटना की जानकारी इलाके के लोगों द्वारा ग्यासपुरा बिजली घर में दी गई है। लोगों का आरोप है कि शायद पावरकॉम द्वारा सस्ता माल खरीदकर इसी इलाके में लगा दिया जाता है।

19 फीडरों की लाइट हुई बंद

इलाके के लोगों के अनुसार बिजली के खंभे गिरने के कारण ग्यासपुरा पावरकॉम बिजली घर के साथ जुड़े 19 फीडरों की लाइट शनिवार रात से बंद पड़ी है। इन फीडरों में विश्कर्मा, नंद मंगल , विद्या अलॉय, केएच के, प्रोमिनेंट, दुर्गा कॉन्कास्ट, वीके कॉनकास्ट, पावा रोड, नॉर्थ स्टार, कबीर इम्पेक्स, गोविंद रबर-2, राज कास्टिंग, डी-मार्टे, टैक्सला रोड, ओसवाल एलॉय, बाट्टा, कंगनवाल और सुधीर फोर्जिंग फीडर शामिल हैं।

अगले पांच दिन तक लाइट न आने की संभावना

बिजली विभाग की और से सोमवार शाम तक लाइट न आने की सूचना दी गई है। जबकि अगली सूचना सोमवार शाम को देने का दावा किया है। लेकिन इलाके के लोगों के अनुसार जितनी ज्यादा गिनती में खंभे टूटे है और उससे नुकसान हुआ है। उस मुताबिक अगले पांच दिन तक बिजली नहीं आएगी।

एरिया में हर साल गिरते हैं खंभे

वहीं इलाके के लोगों का आरोप है कि यह खंभे गिरने का कोई पहला मामला नहीं है। बल्कि हर साल आंधी व तेज हवाएं आने के बाद यह खंभे गिर जाते हैं। पिछले साल गिरने पर अधिकारियों ने हर खंभे को डब्बल कर दिया। जबकि पहले कम गिरते थे, इस बार ज्यादा गिनती में गिरे हैं। लोगों का आरोप है कि असलियत में बिजली विभाग द्वारा तारें ज्यादा भारी डाल दी गई हैं, जबकि खंभे हलके हैं। जिस कारण जरा सी अंधेरी आने पर यह गिर जाते हैं।

डब्बल करने पर भी गिरे

हैरानी की बात तो यह है कि पावरकॉम विभाग के अधिकारी खुद जानते हैं, कि यह खंभे काफी हलके हैं और बिजली की तारों का भार नहीं झेल पाएंगे। जिसके चलते अधिकारियों ने हर जगह दो पोल इक्ट्ठे लगा दिए। लेकिन फिर भी गिर गए। जिससे साफ जाहिर है कि एक जगह पर दो पोल लगाकर भी पैसा सरकारी खजाने से जाना है, जबकि इसकी जगह अच्छे मटीरियल वाला पोल लगाना उच्चित है। लेकिन फिर भी अधिकारी सरकारी पैसा होने के चलते जमकर उड़ाने में लगे हैं।

इंडस्ट्री का होगा करोड़ों का नुकसान

बता दें कि कंगनवाल एरिया में काफी संख्या में इंडस्ट्री है। इन पोल के गिरने के कारण इंडस्ट्रियल एरिया-सी कंगनवाल सबसे ज्यादा प्रभावित होगा। यानि कि अगर किसी के पास जरनेटर है, तो वहीं इंडस्ट्री चलेगी, बाकि इंडस्ट्री पूरी तरह से बंद रहेगी। कारोबारियों का आरोप है कि एक तो पहले ही कारोबार कम चल रहे हैं और अब बिजली नहीं आने से करोड़ों रुपए का नुकसान हो जाएगा।

दो दर्जन इलाकों में बिजली गुल

वहीं शनिवार शाम को आंधी व बारिश के कारण शहर के करीब दो दर्जन इलाकों में बिजली गुल रही। जिसमें सराभा नगर, साउथ सिटी, ढोलेवाल, गिल रोड, शिमलापुरी समेत कई इलाके शामिल है। जबकि रविवार सुबह कई इलाकों में बिजली सप्लाई कुछ समय के लिए आई थी। दोपहर बाद सभी इलाकों में दोबारा सप्लाई शुरु कर दी गई।

अधिकारी लगातार कर रहे बचने का प्रयास

वहीं इलाके के लोगों द्वारा लगातार अधिकारियों से संपर्क करके खंभे टूटने का कारण पूछा जा रहा है। लेकिन अधिकारियों द्वारा किसी का फोन ही नहीं उठाया जा रहा है। उनकी और से लगातार अपने बचने का प्रयास किया जा रहा है। इस खबर के संबंध में जेई अक्षय को कई बार संपर्क करने का प्रयास किया गया। लेकिन उन्होंने फोन ही नहीं उठाया।

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