लुधियाना, 9 सितंबर: पंजाब राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग (पीएससीपीसीआर) की उपाध्यक्ष श्रीमती गुंजीत रुचि बावा ने हाल ही में आई बाढ़ के बच्चों और उनके परिवारों पर पड़ने वाले प्रभाव का आकलन करने के लिए न्यू खैरा बेट गाँव का दौरा किया। इस दौरे का उद्देश्य यह समझना था कि बाढ़ ने बच्चों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य, उनकी शिक्षा और समग्र जीवन स्थितियों को कैसे प्रभावित किया है।
अपने दौरे के दौरान, श्रीमती बावा ने प्रभावित परिवारों और बच्चों से मुलाकात की, उनकी ज़रूरतों और चुनौतियों को समझने के लिए उनसे सीधे बातचीत की। उन्होंने बच्चों के स्वास्थ्य और भावनात्मक कल्याण की सावधानीपूर्वक जाँच की और माता-पिता को सुरक्षित वातावरण प्रदान करने में आने वाली कठिनाइयों पर चर्चा की। उन्होंने बच्चों को बाढ़ के प्रभाव से उबरने में मदद करने के लिए चिकित्सा देखभाल, मानसिक स्वास्थ्य सहायता और निर्बाध शैक्षिक अवसरों की तत्काल आवश्यकता पर बल दिया।
सुश्री बावा ने आश्वासन दिया कि स्थानीय अधिकारियों के साथ मिलकर चिकित्सा सहायता, मनोवैज्ञानिक परामर्श और शैक्षिक सहायता प्रदान करने के लिए सभी आवश्यक उपाय किए जाएँगे। उन्होंने यह भी वादा किया कि आयोग स्थिति पर नज़र रखेगा और बच्चों को प्राकृतिक आपदाओं के प्रभावों से बचाने के लिए निरंतर सहायता प्रदान करेगा।
सुश्री बावा के साथ श्री बलजीत सिंह, स्वास्थ्य निरीक्षक, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, कुम कलां, लुधियाना और सुश्री हरप्रीत, सामाजिक कार्यकर्ता और अन्य सदस्य भी थे, जिन्होंने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत उपायों को सुदृढ़ करने और बच्चों के कल्याण की रक्षा के प्रयासों में भाग लिया।
एक गैर-सरकारी संगठन, आस-एहसास ने रानी प्रयातन चैरिटेबल ट्रस्ट के सहयोग से प्रभावित परिवारों को तिरपाल, स्वास्थ्य किट, सैनिटरी नैपकिन, चप्पलें और अन्य राहत सामग्री वितरित की।
पंजाब राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग आपदा प्रभावित क्षेत्रों में कमजोर बच्चों की मदद के लिए प्रतिबद्ध है और राहत, सुरक्षा उपाय और दीर्घकालिक सहायता प्रदान करने के लिए स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर काम करना जारी रखेगा।