पंजाब/यूटर्न/17 जुलाई: हालांकि इससे पहले ही पुलिस ने धारा 163 (पहले धारा 144) के तहत यहां भीड़ जुटाने पर रोक लगा चुकी है। वहीं किसानों को यहां पहुंचने से रोकने के लिए हरियाणा में धरपकड़ शुरू की जा चुकी है। किसान नेता अमरजीत सिंह मोहड़ी, समेत कई किसानों को पुलिस ने हिरासत में लिया है। लेकिन किसाों का रोश प्रर्दशन जारी रहा। प्रशासन ने किसान नेता सरवन सिंह पंधेर से बात की। जिसमें पंधेर ने कहा कि हम अंबाला मंडी कार्यक्रम हर हाल में करेंगे। आप हमारा रास्ता न रोकें। उन्होंने हिरासत में लिए गए किसानों को रिहा करने की भी बात कही। प्रशासन ने किसानों की दोनों मांगें मान ली हैं। किसान अनाज मंडी की ओर रवाना हो गए है। पहले यह प्रदर्शन पिछले किसान आंदोलन के वाटर कैनन बॉय नवदीप जलबेड़ा की रिहाई के लिए अंबाला के एसपी ऑफिस के घेराव का था। मगर, मंगलवार को जलबेड़ा को जमानत के बाद देर रात रिहाई भी मिल गई। इससे पहले किसान नेता जगजीत डल्लेवाल दिल्ली कूच का ऐलान कर चुके हैं। उनका कहना है कि हमें सिर्फ शंभू बॉर्डर खुलने का इंतजार है।
भारतीय किसान यूनियन सर छोटू राम के प्रवक्ता बहादुर ने बताया कि किसानों को रिहा करने की उनकी मुखय मांग को प्रशासन ने मान लिया है और प्रशासन ने अंबाला अनाज मंडी में बैठक करने की इजाजत दे दी है। सभी किसान नेता अंबाला मंडी के लिए रवाना हो रहे हैं। किसान नेता पंधेर ने कहा कि उनकी 2 ही मांगें हैं, एक तो प्रशासन ने जिन किसानों को हिरासत में लिया है उन्हें रिहा किया जाए और दूसरी नवदीप जलबेरा की रिहाई के बाद अंबाला अनाज मंडी में जो कार्यक्रम रखा गया है उसमें हमें जाने दिया जाए। इस बारे में उन्होंने एसपी से बात की है और उन्होंने कहा कि आप एक बार चंडीगढ़ से बात कर लीजिए। इस दौरान उन्होंने किसानों से अपील करते हुए कहा कि सभी लोग हाईवे के जिस तरफ भी रहें, वाहनों को निकलने दें ताकि किसी को कोई परेशानी न हो। नवदीप जलबेड़ा को पुलिस ने हिरासत में लिया। अंबाला पुलिस ने भारतीय किसान यूनियन शहीद भगत सिंह के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमरजीत सिंह मोहड़ी समेत कई किसान नेताओं को हिरासत में लिया है। किसानों ने अंबाला सिटी की अनाज मंडी में एकजुट होने का ऐलान किया हुआ था। किसान यूनियन से नेता तेजवीर सिंह ने बताया कि पुलिस ने किसान नेता नवदीप सिंह जलबेड़ा समेत कई किसान नेताओं को हिरासत में लिया हुआ है। अब किसान नेशनल हाईवे 152 पर एकत्रित हो रहे हैं। वहीं किसान नेताओं की मांग थी कि बार्डर को खोला जाये तांकि वह दिल्ली कूच कर सकें।
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