पीएसआईईसी प्लॉट अलॉटमेंट घोटाले में प्रॉपर्टी डीलर गिरफ्तार, अधिकारियों के साथ मिल 1.52 करोड़ का किया गबन

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लुधियाना 24 मई। विजिलेंस की और से पंजाब स्माल इंडस्ट्रीज एक्सपोर्ट कारपोरेशन (पीएसआईईसी) के औद्योगिक प्लाट की अलॉटमेंट में हुए गबन के मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया है। आरोपी की और से अपने निजी फायदे के लिए 1.52 करोड़ रुपए का सरकारी खजाने को नुकसान किया गया। आरोपी की पहचान मॉडल टाउन के अवतार सिंह के रुप में हुई है। इस बारे जानकारी देते हुए विजिलेंस अधिकारी ने बताया कि इस मामले में पीएसआईईसी के अधिकारियों व  कर्मचारियों के खिलाफ आठ मार्च को एफआईआर दर्ज की गई थी। अधिकारी ने बताया कि उक्त मुलजिम अवतार सिंह और उसके बेटे दमनप्रीत सिंह, जो औद्योगिक प्लाट की ख़रीद-फ़रोत का कारोबार करते है, ने सीजीएम सुरिन्दरपाल सिंह और जीएम जेएस रंधावा के साथ मिलकर फेज-8बी, इंडस्टरियल एरिया, एसएएस नगर में पीएसआईईसी के 1389 वर्ग गज़ के प्लाट को मैसर्ज सुखमनी इंटरप्राईज़ज़ के नाम पर अलाट करने में धाँधली की। उन्होंने दमनप्रीत सिंह के नाम पर चंडीगढ़ स्थित फ़र्ज़ी पते का प्रयोग कर केवल 1265 प्रति वर्ग गज कीमत पर 13. 07. 2004 को उक्त प्लाट हासिल किया था। नियमों और अलॉटमेंट पत्र के अनुसार यदि अलॉटमेंट के तीन महीनों के अंदर- अंदर अलाटी द्वारा कुल रकम का 30 प्रतिशत भुगतान नहीं किया जाता तो प्लाट की अलॉटमेंट रद्द कर दी जानी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। इसके इलावा, अवतार सिंह ने शुरुआती 10 फीसदी बयानो की रकम संचित करने के बाद पीएसआईईसी को अन्य कोई रकम संचित नहीं करवाई। इसके इलावा इस प्लॉट की अलॉटमेंट की तरीकें को बार-बार बदला गया।

कीमत से कई गुना कम कीमत पर बेचा प्लॉट
अधिकारी अनुसार अवतार सिंह ने जीएम जे.एस.रंधावा और सीजेएम सुरिन्दरपाल सिंह की मिलीभुगत के साथ यह प्लाट 2016 में असली ख़रीद रेट 1265 प्रति वर्ग गज़ पर आगे बेच दिया था जबकि 2013 में इसकी कीमत 11 हजार प्रति वर्ग गज़ था। केस की जांच में पता लगा है कि पीएसआईईसी अधिकारियों/ कर्मचारियों और एक प्रॉपर्टी डीलर अवतार सिंह ने सरकारी खजाने को सीधे तौर पर 1.52 करोड़ रुपए का नुक्सान पहुँचाया। इसके इलावा अवतार सिंह, जीएम जे.एस. रंधावा और सी.जी.एम. सुरिन्दरपाल सिंह ने 2016 में उक्त प्लाट की फ़रोत और रद्दोबदल करके करोड़ों रुपए की रिश्वत ली थी। इस मामलो की आगे वाली जांच जारी है।