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जालंधर : सेहत महकमे में एनएचएम स्कीम तहत किया 9.86 करोड़ का खरीद-घोटाला

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सिविल सर्जन को निर्देश, आरोपी अफसरों-कर्मियों पर एफआईआर कराने के बाद 15 दिन में रिपोर्ट दें

लुधियाना 6 सितंबर। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन यानि एनएचएम ने जालंधर में 9.85 करोड़ रुपए घोटाला पकड़ा है। जिसमें खरीद के दौरान धन के दुरुपयोग में शामिल अफसरों और कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश सिविल सर्जन को दिए हैं। इसे लेकर पंद्रह दिन में रिपोर्ट पेश करने को भी कहा गया है।
जानकारी के मुताबिक इस बारे में एनएचएम के डायरेक्टर ने सिविल सर्जन जालंधर को पत्र भेजा है। जिसमें कहा गया है कि वित्तीय वर्ष 2019 से 2022 तक सिविल सर्जन ऑफिस द्वारा जिला स्तर पर जो चीजें खरीदी गई, उसके हिसाब किताब में गड़बड़ी पाई गई है। यह गड़बड़ी कम नहीं, बल्कि करीब 9 करोड़ 86 लाख रुपए की है।
रिकॉर्ड ही गायब कर दिया :
कमेटी की एक बैठक में तत्कालीन सिविल सर्जन ने कहा था कि सिविल सर्जन दफ्तर जालंधर के पास वित्तीय वर्ष 2019 से 22 तक की गई 9.86 करोड़ रुपए की परचेज का कोई रिकॉर्ड नहीं है। पत्र में लिखा गया है कि यह सारा मामला सरकार के नोटिस में लाया गया। जिसके बाद उसने निर्देश दिए कि सिविल सर्जन इस मामले की जांच करें। इसके बाद आरोपी पाए जाने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ 15 दिन के भीतर एफआईआर दर्ज करा रिपोर्ट पेश करें।
एक आरोपी अफसर विदेश में :
जानकारी के अनुसार इस घोटाले में शामिल एक वरिष्ठ अधिकारी नौकरी छोड़कर विदेश जा चुका है। घोटाले के बाद वह साल 2023 में विदेश चला गया था। इसके अलावा इस अवधि के दौरान 4 सिविल सर्जनों ने कार्यभार संभाला था। जालंधर की मौजूदा सिविल सर्जन डॉ. ज्योति शर्मा ने कुछ दिनों पहले ही यहां जाइनिंग ली थी। उनका कहना है कि मामले की जांच शुरू कर दी गई है। इसके अलावा एनएचएम से प्राप्त धन और उसी अवधि के दौरान इसके उपयोग से संबंधित सभी आधिकारिक फाइलों की जांच हो रही है।
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