चंडीगढ़ 22 सितंबर। आईएमए के पंजाब चैप्टर के प्रेसिडेंट डॉ. सुनील कटियाल ने घोषणा की है कि पंजाब के निजी अस्पताल अब आयुष्मान भारत योजना के तहत इलाज प्रदान नहीं कर पाएंगे। दरअसल पंजाब सरकार ने 600 करोड़ रुपये की बकाया राशि का भुगतान नहीं किया है।
डॉ.कटियाल ने कहा कि राज्य स्वास्थ्य एजेंसी के सीईओ और पंजाब स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों के साथ कई बैठकों के बावजूद कोई समाधान नहीं निकल सका। उन्होंने पंजाब की जनता से खेद व्यक्त करते हुए कहा कि यह कदम मजबूरी में उठाना पड़ा है। दरअसल अस्पताल आर्थिक तंगी का सामना कर रहे हैं। उनको लोन की किस्तें भरना और खर्चों को पूरा करना मुश्किल हो रहा है।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि निजी अस्पतालों के लिए अब यह स्थिति असहनीय हो गई है। इन संस्थानों में से कई अब अपने वित्तीय दायित्वों को पूरा करने, ऋण की किस्तें चुकाने और संचालन लागतों को पूरा करने में संघर्ष कर रहे हैं। डॉ. कटियाल ने इस ओर भी इशारा किया कि अस्पताल पहले से ही कर्ज में डूबे हुए हैं और बकाया भुगतानों के बिना वे सरकारी योजना के तहत सेवाएं जारी रखने में सक्षम नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि यह कदम अस्पतालों की जनता की सेवा करने की अनिच्छा का संकेत नहीं है, बल्कि एक वित्तीय संकट में फंसे होने का परिणाम है। उन्होंने पंजाब सरकार से अपील की कि वह इस मुद्दे को तत्काल सुलझाए, क्योंकि योजना से बाहर निकलने का निर्णय न केवल मरीजों के लिए हानिकारक है, बल्कि पूरे स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए भी एक गंभीर समस्या है।
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