सत पॉल मित्तल स्कूल के स्टूडेंट्स से प्राइवेट फुटबॉल कोच ने की शर्मनाक हरकतें, शिमला ट्रेनिंग ले जाने के दौरान हुई हरकतें

👇खबर सुनने के लिए प्ले बटन दबाएं

Listen to this article

पेरेंट्स ने लाइव हो बताया सच, रातों रात शिमला पहुंच बच्चों का किया बचाव

लुधियाना 12 जून। शहर के नामी स्कूलों में से एक दुगरी के फेस-2 में स्थित सत पॉल मित्तल स्कूल के स्टूडेंट बच्चों के साथ प्राइवेट फुटबॉल कोच द्वारा शर्मनाक हरकतें की। बच्चों को कोच द्वारा ट्रेनिंग के लिए शिमला स्थित बिशप कॉटन कैंप ले जाया गया था। बच्चों के पेरेंट्स का आरोप है कि फुटबॉल कोच द्वारा वहां पर उनके साथ शराब पीकर मारपीट, गाली गलोच और शर्मनाक हरकतें की गई। जिसकी जानकारी मिलते ही पेरेंट्स रातों रात शिमला पहुंचे और अपने बच्चों का बचाव किया। जिसके बाद उन्होंने शिमला पुलिस को शिकायत दी। पुलिस द्वारा कोच को हिरासत में ले लिया गया है। हालांकि मामले की अभी जांच की जा रही है। इस संबंधी कई बच्चों के पेरेंट्स द्वारा सोशल मीडिया पर लाइव होकर जानकारी दी गई है।

सत पॉल स्कूल के कोच ने अपने कोच भाई को भेजा था साथ

स्टूडेंट्स के पेरेंट्स ने आरोप लगाया कि सत पॉल मित्तल स्कूल के फुटबॉल कोच मनमोहन एसबीएस नगर में प्राइवेट अकादमी चलाते हैं। जिसमें सत पॉल स्कूल समेत कई स्कूलों के बच्चे ट्रेनिंग के लिए जाते हैं। उक्त कोच मनमोहन द्वारा अपने भाई वरिंदर, जो कि खुद भी फुटबॉल कोच है, उसे बच्चों को ट्रेनिंग कराने के लिए बिशप कॉटन कैंप भेजा था। वरिंदर भी एसपीएम स्कूल में कोच है। जिसके लिए छह जून को अंडर-14 स्टूडेंट्स को फुटबॉल ट्रेनिंग के लिए शिमला ले जाया गया था। इसमें 10 से 12 साल के बच्चे थे। जिसमें ज्यादातर बच्चे सत पॉल मित्तल स्कूल के थे।

कोच हर साल लेकर जाता था बैच

पेरेंट्स ने आरोप लगाया कि सत पॉल मित्तल स्कूल के उक्त कोच मनमोहन द्वारा हर साल बच्चों का बैच लेकर जाया जाता था। जिसके चलते पेरेंट्स को उन पर यकीन था। इसी के चलते इस साल भी पेरेंट्स द्वारा बच्चों को ट्रेनिंग के लिए भेजा गया। लेकिन इस बार उन्होंने अपने भाई को ट्रेनिंग के लिए भेज दिया।

शराब पीकर की गलत हरकतें, बच्चों ने घर फोन कर बताया

पेरेंट्स ने आरोप लगाया कि उक्त कोच वरिंदर द्वारा रोजाना रात को शराब पीकर बच्चों के साथ गाली गलोच, मारपीट की जाती थी। पेरेंट्स ने यह भी कहा कि घटिया हरकतें की जाती थी। एक महिला ने बताया कि आठ जून की रात को उनके बेटे ने फोन करके उसे सारी बात बताई। फिर थोड़ी देर बाद कॉल आई तो बेटे के भाई ने घटना की जानकारी दी। जिसके बाद बाकी बच्चों के पेरेंट्स के फोन आने लगे। जिसके चलते वह देर रात करीब साढ़े 12 बजे शिमला के लिए निकले और सुबह 4-5 बजे वहां पहुंचकर बच्चों से पूरी घटना की जानकारी ली। जिसके बाद कोच को पुलिस हवाले कर दिया।

पेरेंट्स इन दो कोच भाइयों से करें गुरेज

वहीं पेरेंट्स ने आरोप लगाया कि हिमाचल पुलिस द्वारा भी बीसीएस कैंप की ही भाषा बोली जा रही थी। वे भी सही से सुनवाई नहीं कर रहे थे। पेरेंट्स ने लोगों से अपील की कि वे इन दो फुटबॉल कोच भाइयों के पास अपने बच्चों को भेजने से गुरेज करें। हालांकि यूटर्न टाइम अखबार द्वारा पेरेंट्स के नाम व तस्वीरें इस लिए सांझी नहीं की गई, ताकि स्कूल में उनके बच्चों को किसी भी तरह की दिक्कत का सामना न करना पड़े। वहीं इस संबंधी जब सत पॉल मित्तल स्कूल की मैनेजमेंट से संपर्क किया गया तो वे मामले को टालते हुए नजर आए। उन्होंने मामले संबंधी कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया।

Leave a Comment