भारत के प्रमुख उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स ब्रांड सैमसंग ने अपने राष्ट्रीय शिक्षा कार्यक्रम ‘सॉल्व फॉर टुमॉरो 2025’ के चौथे संस्करण के विजेताओं की घोषणा की। यह पहल देशभर के युवाओं को अपने समुदायों की समस्याओं के समाधान के लिए तकनीक का उपयोग करने के लिए प्रेरित करती है।
इस वर्ष चार टीमों — पर्सेविया (बेंगलुरु), नेक्स्टप्ले.एआई (औरंगाबाद), पैरास्पीक (गुरुग्राम) और पृथ्वी रक्षक टी (लुधियाना) — ने शीर्ष स्थान हासिल किया। विजेता टीमों को कुल 1 करोड़ रुपये का इनक्यूबेशन अनुदान प्रदान किया गया है। अब ये टीमें आईआईटी दिल्ली के एफआईटीटी लैब्स में विशेषज्ञ मार्गदर्शन के तहत अपने प्रोटोटाइप को वास्तविक समाधानों में बदलेंगी।
लुधियाना की ‘पृथ्वी रक्षक’ टीम ने हासिल किया शीर्ष स्थान
लुधियाना के बीसीएम स्कूल, शास्त्री नगर के छात्रों की टीम ‘पृथ्वी रक्षक टी’ ने पूरे देश में शहर का नाम रोशन किया है। इस टीम को अभिषेक ढांडा ने लीड किया |इस टीम ने एक समुदाय-संचालित हरित मोबाइल ऐप विकसित किया है, जो वृक्षारोपण, पुनर्चक्रण और पर्यावरणीय गतिविधियों को गेमिफाइड रूप में बढ़ावा देता है। सैमसंग ने टीम के नवाचार की सराहना करते हुए कहा कि यह पहल युवाओं में पर्यावरणीय जिम्मेदारी को मजबूत करती है और जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए नई दिशा प्रदान करती है।
पर्सेविया ने दृष्टिबाधित लोगों के लिए एआई-संचालित चश्मा विकसित किया है, जो वस्तुओं की पहचान कर ध्वनि और कंपन के जरिये उनकी स्थिति बताता है।
नेक्स्टप्ले.एआई ने खेलों के लिए मोबाइल-आधारित एआई प्लेटफ़ॉर्म तैयार किया है जिसमें एआई कोच, रेफरी और ट्रैकर शामिल हैं।
पैरास्पीक ने डीप लर्निंग आधारित डिवाइस बनाया है जो अस्पष्ट वाणी को स्पष्ट बनाता है।
सैमसंग का उद्देश्य: नवाचार से सशक्त भारत
ग्रैंड फिनाले में विजेताओं का चयन छह महीने की मेंटरशिप, प्रोटोटाइप विकास और बूटकैंप प्रक्रिया के बाद हुआ। शीर्ष 20 फाइनलिस्ट टीमों को 1-1 लाख रुपये और नवीनतम सैमसंग गैलेक्सी Z फ्लिप स्मार्टफोन भी प्रदान किए गए।
सैमसंग साउथवेस्ट एशिया के अध्यक्ष और सीईओ जेबी पार्क ने कहा, “सॉल्व फॉर टुमॉरो ने भारत के हर कोने से नवाचार की भावना को उजागर किया है। हमारा उद्देश्य है कि तकनीक को समाज के हित में उपयोग कर एक समावेशी और सशक्त डिजिटल भारत का निर्माण किया जाए।”





