प्रधानमंत्री मोदी ने भारत टैक्स में लिया गंगा एक्रोवूल के केलिट्रॉपिस यार्न का संज्ञान

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चेयरमैन डा रविन्द्र के साथ नई संभावनाओं पर किया विचार , कपड़ा मंत्री गिरिराज रहे मौजूद

दिल्ली 16 फरवरी। रविवार को प्रधानमंत्री नरेदर मोदी ने भारत मंडपम में आयोजित टैक्सटाइल एवं गारमेंट सैक्टर की सबसे बड़ी प्रदर्शनी भारत टैक्स-2025 में NITRA के स्टाल का दौरा कर उनकी नई इनोवेशन केलिट्रॉपिस फाइबर से गंगा एक्रोवूल द्वारा निर्मित यार्न की जानकारी ली उनके साथ केंद्रीय कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह एवं नॉर्थ इंडियन टैक्सटाइल रिसर्च एसोसिएशन यानि नित्रा के डायरेक्टर डॉ. परमार भी मौजूद थे। इस अवसर मौजूद गंगा एक्रोवूल लुधियाना के चेयरमैन डा रविंदर वर्मा ने प्रधानमंत्री मोदी को केलिट्रॉपिस फाइबर से निर्मित यार्न की बारे में बताया। प्रधानमंत्री मोदी नई इनोवेशन की बारे में जानकर खुश हुए और उन्होंने इससे टैक्सटाइल और कारोबार जगत की संभावनाओं पर विचार विमर्श किया। गौरतलब है की एक दिन पूर्व मंत्री गिरिराज सिंह ने गंगा एक्रूवल के स्टाल पे विजिट किया था और प्रधानमंत्री को इसके बारे में बताया था।

इस सम्बन्ध में एक्सपोर्ट एवं इनोवेशन के मामले में दुनिया में खास पहचान रखने वाली गंगा एक्रोवूल के एमडी अमित थापर ने बताया की
कंपनी ने नित्रा के सहयोग से जंगली पौधे आक यानि केलिट्रॉपिस प्लांट से मिल्कवीड ब्लेंड यार्न एवं फाइबर तैयार किया है। इस रिसर्च में
80 %वूल 20 % मिल्क वीड के रेशों के हिसाब से नित्रा और गंगा एक्रोवूल लिमिटेड की साझेदारी रही है।
थापर अनुसार नॉर्थ इंडियन टैक्सटाइल रिसर्च एसोसिएशन यानि नित्रा के सहयोग से गंगा एक्रोवूल लिमिटेड ने यह यार्न तैयार किया है , कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह के इस कॉन्सेप्ट पर अमल करने के लिए नित्रा ने देश की कुछ यार्न निर्माता कंपनियों के सामने प्रस्ताव रखा था। गंगा एक्रोवूल लिमिटेड ने इस पर पहल करते हुए नई किस्म का फाइबर यार्न डेवेलप किया। उन्होंने बताया कि इस कैलीट्रापिस यार्न को वूल के साथ मिक्स कर तैयार किया गया है, गुणवक्ता में यह कुदरती होने के साथ साथ सिल्क की तरह नरम जबकि इसकी थर्मल इंसुलेशन प्रॉपर्टी वूल की तरह है।
उन्होंने बताया कि फिलहाल यह पायलट स्टेज पर की गई रिसर्च है इसमें आगे और सुधार करते हुए कॉमर्शियल रूप देने का प्रयास किया जाएगा। वही मार्किट असेप्टेन्स के लिए इनोवेशन को अमेरिका और जापान की कंपनियों को भी शेयर किया गया है।
थापर ने बताया की आक एक जंगली पौधा है, अगर यह इनोवेशन सफल होती है तो इसकी खेती भी की जाएगी। जिससे बंजर जमीन का भी सही इस्तेमाल हो सकेगा।

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