चंडीगढ/यूटर्न/7 अगस्त: चंडीगढ़ जिला अदालत परिसर स्थित फैमिली कोर्ट में जिस पिस्तौल से पंजाब पुलिस के पूर्व एआईजी ने अपने दामाद की हत्या की थी, वह दामाद के चाचा ने ही लाकर दी थी। पूर्व एआईजी मलविंदर सिंह सिद्धू ने रिमांड के दौरान पूछताछ में यह खुलासा किया है। पूर्व एआईजी ने कहा कि हरप्रीत लगातार उनकी बेटी को मारने की धमकियां दे रहा था इसलिए कनाडा भेजना पड़ा। इसके साथ ही कहा कि हरप्रीत सिंह पर जिस पिस्टल से गोली चलाई गई थी, उसे हरप्रीत के चाचा कुलदीप सिंह ने कुछ दिनों पहले उसे दिया था। पुलिस ने मंगलवार को दो दिन का रिमांड खत्म होने पर पूर्व एआईजी को अदालत में पेश किया। अदालत ने पूर्व एआईजी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। उधर, यह मामला पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट भी पहुंच गया है।
पिस्टल लेकर सामने वाले गेट से ही घुसा था
पूर्व एआईजी ने पूछताछ में दावा किया कि उसने अदालत परिसर के सामने वाले गेट से पिस्टल के साथ एंट्री की थी। एंट्री के दौरान पिस्टल कमर में पीछे लगा रखी थी लेकिन वहां तैनात सुरक्षाकर्मी ने यह नहीं सुना कि मेटल डिटेक्टर में पिस्टल लेकर आने पर मशीन से कोई आवाज आई थी या नहीं। पुलिस ने एंट्री गेट वाले रास्ते पर लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है।
लाइसेंसी नहीं थी पिस्टल
एआईजी ने बताया कि हरप्रीत के चाचा कुलदीप सिंह ने जो पिस्टल दी थी, उसका कोई लाइसेंस नहीं है। उसके घर से भी .32 पिस्टल का लाइसेंस भी नहीं मिला है।
दामाद ने पहले किया था वार
सूत्रों के मुताबिक पूर्व एआईजी सिद्धू ने दावा किया है कि उसने दामाद को गोली मारने की कोई प्लानिंग नहीं की थी। वह मीडिएशन सेंटर पहुंचा तो वाशरूम जाने के दौरान हरप्रीत ने समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए कहा था ताकि उसका तलाक हो जाए। इस बात को लेकर दोनों के बीच विवाद शुरू हो गया। हरप्रीत ने गाली-गलौज करते उसके पेट में जोर से प्रहार किया जिसे वह बर्दाश्त नहीं कर सका और गुस्से में आकर हरप्रीत पर गोली चला दी। पहली गोली चूक गई, लेकिन जब हरप्रीत भागने की कोशिश कर रहा था, तो वह बाहर रखी कुर्सियों में उलझ गया और अपना संतुलन खो बैठा। इसी बीच एक और गोली चलाई जो कि हरप्रीत की छाती में लगी और वह घायल होकर जमीन पर गिर पड़ा। फिर एक और गोली चलाई, जो हरप्रीत को नीचे कूल्हे में लगी जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। जब लोग इक_ा होने लगे तो उसने खुद को वकीलों और अदालत के कर्मचारियों के डर से खुद को मीडिएशन के एक कमरे में बंद कर लिया।
धमका रहा था दामाद
पूर्व एआईजी ने दावा किया कि हरप्रीत सिंह पारिवारिक विवाद शुरू होने के बाद से उसके परिवार को धमका रहा था। यहां तक कि अदालत में पेश होने के दौरान भी हरप्रीत उनकी कार का पीछा करने के लिए लोगों को भेजता था, जिससे हमेशा डर लगा रहता था। वह उनकी बेटी को भी मारने की धमकियां देता था और इसी डर के चलते उसने अपनी बेटी डा. अमितोज कौर को कनाडा भेज दिया था। वहीं, यह भी दावा किया कि उसके खिलाफ जो भ्रष्टाचार के मामले दर्ज हुए हैं, हरप्रीत ने ही मिलीभगत कर इन मामलों में फंसवाया है। हरप्रीत ने उसके खिलाफ दिल्ली में भी कई शिकायतें दर्ज कराई थीं, जिन्हें जीरो एफआईआर के बाद पंजाब ट्रांसफर किया गया था।
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