नई दिल्ली/चंडीगढ़, 9 अगस्त
राज्यसभा सदस्य संत बलबीर सिंह सीचेवाल ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 25% टैरिफ लगाने संबंधी बयान पर टिप्पणी करते हुए कहा कि गरीब देशों को डराना और उनका आर्थिक शोषण करना अमेरिका जैसे शक्तिशाली देश के लिए कोई फ़ायदेमंद नहीं है। उन्होंने कहा कि इस तरह के टैरिफ का भारत पर कोई ख़ास असर नहीं पड़ेगा, लेकिन ये अमेरिका की छवि को ज़रूर धूमिल करेंगे – एक ऐसा दाग़ जिसे इतिहास हमेशा याद रखेगा। ट्रंप के रवैये पर बोलते हुए संत सीचेवाल ने कहा कि जब कोई हथियार या दौलत हासिल कर लेता है, तो दुनिया भर के लोगों को गले लगाने के बजाय, वो डर और शोषण की नीति पर चलने लगता है। उन्होंने चेतावनी दी कि ट्रंप के ग़लत फ़ैसलों का ख़ामियाज़ा दुनिया के गरीब देशों को भुगतना पड़ेगा।
संत सीचेवाल ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर कड़ी टिप्पणी की और उन्हें “डाकू” तक कह डाला। उन्होंने याद दिलाया कि ट्रंप ने पहले 25% टैरिफ की घोषणा की थी, जिसे 7 अगस्त को लागू कर दिया गया था, और अब उन्होंने 25% अतिरिक्त टैरिफ की घोषणा कर दी है – जो उनकी असली मानसिकता को दर्शाता है। ट्रंप का यह बयान कि भारत के साथ टैरिफ विवाद सुलझने तक कोई व्यापार वार्ता नहीं होगी, उनके दृष्टिकोण को दर्शाता है।
संत सीचेवाल ने ज़ोर देकर कहा कि भारत अब पहले जैसा नहीं रहा, जब उसकी बाँहों को अपनी मरोड़कर दबाया जा सकता था। भारत ने पहले भी आर्थिक प्रतिबंधों का डटकर सामना किया है और भविष्य में भी करता रहेगा। उन्होंने कहा कि किसान और मज़दूर देश के 1.4 अरब लोगों का पेट भर रहे हैं और भारत के लोग मेहनती हैं और ईमानदार श्रम में विश्वास रखते हैं। उनके अनुसार, ट्रम्प सिर्फ़ ऐसे शुल्क लगाकर भारत को आर्थिक संकट में नहीं धकेल सकते।
गौरतलब है कि ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में बड़े बदलाव देखने को मिले हैं, जिससे वित्तीय बाज़ार लड़खड़ा गए हैं। आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि अगर यही स्थिति बनी रही, तो इसके परिणाम बेहद खतरनाक हो सकते हैं। अगर अमेरिकी डॉलर में विश्वास कम हुआ, तो बड़े व्यवसाय अमेरिका छोड़कर दूसरे देशों में जाने की योजना बना सकते हैं। ऐसे में, अमेरिकी जनता पर ही यह ज़िम्मेदारी होगी कि वह ट्रंप की वैश्विक-विरोधी आर्थिक नीतियों का कड़ा विरोध करे।